लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण से कुछ अंशों को हटाया गया है, जिसके बाद उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका दावा है कि सत्य को मिटाया नहीं जा सकता, वह हमेशा सत्य ही रहने वाला है. राहुल गांधी ने सीधा हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोला. दरअसल, राहुल गांधी की ओर से भाषण दौरान हिंदू, अग्निवीर, अल्पसंख्यकों और हिंसा से संबिधित की गई टिप्पणियां लोकसभा की कार्यवाही से हटा दी गई हैं.
राहुल गांधी के भाषण को दौरान संदन में हुआ हंगामा
राहुल गांधी के हिंदुओं पर दिए गए भाषण का सत्ता पक्ष की ओर से भारी विरोध हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने का आरोप लगाया. हटाए गए अंशों में हिंदू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी, आरएसएस, उद्योगपति अडानी, अंबानी और अग्निवीर योजना पर की गई टिप्पणियों के अंश भी हटाए गए. राहुल गांधी के बयानों पर पीएम मोदी के अलावा कम से कम पांच कैबिनेट मंत्रियों ने आपत्ति जताई. उनका भाषण 90 मिनट से ज्यादा चला. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मांग की राहुल गांधी हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान को लेकर माफी मांगे.
राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर अपने पहले भाषण में कहा, ‘सभी धर्म साहस की बात करते है.’ इस भाषण को उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने दर्शक दीर्घा से देखा और सुना. कांग्रेस नेता संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोल रहे थे. राहुल गांधी ने पैगंबर मुहम्मद को उद्धृत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कुरान निर्भयता की बात करता है.
डरो मत, डराओ मत- राहुल गांधी
भगवान शिव, गुरु नानक और ईसा मसीह की तस्वीरें दिखाते हुए राहुल गांधी ने निर्भयता के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने भगवान शिव के गुणों और गुरु नानक, ईसा मसीह, बुद्ध और महावीर की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि देश के सभी धर्मों और महान लोगों ने कहा है “डरो मत, डराओ मत”.