भोपाल। नशे की लत को नियंत्रित करने मध्य प्रदेश के 31 जिला अस्पतालों में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसलिटिज सेंटर की स्थापना होगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना के अंतर्गत इन सेंटरों की स्थापना की जाएगी। इसमें उन जिलों को शामिल किया गया है, जिनमें नशा मुक्ति के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
अस्पतालों में होंगे इंतजाम
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि चयनित जिला चिकित्सालयों में नशा पीड़ितों के उपचार के लिए समर्पित वार्ड बनाए जाएंगे। वार्ड में 10 बिस्तर आरक्षित रहेंगे, जिनका उपयोग नशा पीड़ितों के उपचार में होगा। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश में दो से आठ अक्टूबर के बीच इन केंद्रों की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे मेडिकल वार्ड में आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करें और नशा पीड़ितों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था करें।
यह है मकसद
एटीएफ सेंटरों की स्थापना के संबंध में मप्र शासन द्वारा एनडीडीटीसी और एम्स, नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजे गए हैं, जो केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत होंगे। इस पूरे प्रयास का मुख्य उद्देश्य नशे के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाना और पीड़ित व्यक्तियों को समुचित उपचार और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करना है।
इन जिलों में होंगी स्थापना
आगर-मालवा, आलीराजपुर, अनुपपूर, अशोकनगर, बडवानी, बैतूल, बुरहानपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, देवास, धार, हरदा, झाबुआ, कटनी, खरगोन, मंडला, निवाड़ी, श्योपुर, उज्जैन, राजगढ़, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, मऊगंज, मैहर एवं पांढ़ुर्णा में एटीएफ सेंटर स्थापित किए जाएंगे।