भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नई सरकार में जल्द ही एक और अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. जानकारी के मुताबिक जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता बनाया जा सकता है. वर्तमान में जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. अध्यक्ष के तौर पर उनका कार्यकाल इसी जून महीने में खत्म होने वाला है. इससे पहले उनका कार्यकाल जनवरी में ही खत्म होने वाला था लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते उनका कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा दिया गया था.
राज्य सभा में सदन के नेता अब तक पीयूष गोयल थे लेकिन उनके उत्तरी मुंबई लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए जेपी नड्डा को यह पद दिया जा सकता है. गौरतलब है कि राज्यसभा में सदन का नेता सबसे बड़े संसदीय दल का नेता होता है. उनकी खास अहमियत होती है.
राज्य सभा में सदन का नेता होने का मतलब
राज्यसभा में सदन के नेता की जिम्मेदारी अहम होती है. सरकार की तमाम महत्वपूर्ण बैठकें और सदन के कामकाज की जिम्मेदारी उन्हीं के पास होती है. उसके संचालन का दायित्व होता है. सदन के नेता और विपक्ष के नेता किसी भी मुद्दे पर कभी भी बोलने के लिए खड़े हो सकते हैं. यह उनका अधिकार क्षेत्र में आता है. हालांकि यह संवैधानिक पद नहीं है लेकिन राज्य सभा के नियमों के तहत इस पद का अपना एक अलग ही प्रावधान है.
पीयूष गोयल से पहले कौन कौन थे सदन के नेता?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल से पहले थावरचंद गहलोत, अरुण जेटली, जसवंत सिंह, सिकंदर बख्त और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज बीजेपी की ओर से राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं. उन्होंने अपने – अपने कार्यकाल में बड़ी जिम्मेदारी निभाई. वहीं राज्य सभा में सदन के नेता रहे अन्य दिग्गज नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, आई के गुजराल, एच डी देवेगौड़ा, वी पी सिंह, प्रणब मुखर्जी और लाल बहादुर शास्त्री के नाम भी शामिल हैं.