जिउतिया स्नान पर बिहार में कोहराम मच गया. नहान के दौरान अलग-अलग जिलों में हादसे हो गए, जिनमें 43 लोगों की डूबने से मौत हो गई. मरने वालों में अधिकतर बच्चे शामिल हैं. सबसे ज्यादा मौतें औरंगाबाद जिले में हुई हैं. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश ने हादसों में सात बच्चों की मौत पर दुःख जताते हुए मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

बिहार के 15 जिलों में जिउतिया स्नान के दौरान पानी में डूबने की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें औरंगाबाद में सबसे ज्यादा 10 मौते हुई हैं. इसके अलावा छपरा में 5, रोहतास में 4, कैमूर, सीवान और मोतिहारी में 3-3 लोगों की मौत हुई है. बेतिया और बेगुसराय में 2 लोगों की डूबने से मौत हो गई. गोपालगंज, भोजपुर, नालंदा, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और अरवल में 1-1 शख्स की मौत की खबर है.

15 जिलों में 43 लोगों की डूबने से मौत

बुधवार को जिउतिया पर्व पर महिलाओं ने अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए व्रत रखे और पूजा की. इस बीच बुरी खबरें भी सामने आई. राज्य के 15 जिलों में सन्ना के दौरान हुए हादसों में 43 लोगों की जान चली गई. औरंगाबाद जिले में दो बड़े हादसे हुए जिनमें 8 बच्चों की मौत हो गई. इनमें चार लड़कियां शामिल हैं. पहली घटना जिले के बारूण थाना क्षेत्र में घटी. यहां महिलाएं और लड़कियां तालाब में स्नान कर रहीं थीं. महिलाएं नहाकर पूजा करने पास के मंदिर चली गईं. लड़कियां तालाब में नहाती रहीं.

एक-दूसरे को बचाने में डूब गईं चार लड़कियां

इतने में एक लड़की गहरे पानी में डूबने लगी. जब वह चीखी तो उसकी बहन उसे बचाने के लिए पानी के अंदर चली गई. वह भी डूबने लगी, ये देख तीन अन्य लड़कियां भी पानी में कूद गईं. लेकिन ये भी गहरे पानी में अंदर चली गईं. लोगों ने जब उन्हें डूबते देखा तो वह उन्हें बचाने के लिए दौड़े. लोगों ने एक बच्ची को बचा लिया लेकिन चार लड़कियों की डूबने से मौत हो गई.

18 बच्चे डूबे, 14 को बचाया, 4 की मौत

दूसरी घटना जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के कुशहा में घटी. यहां 18 बच्चे आहार में नहाते समय डूबने लगे. बच्चों की चीख-पुकार सुन समीप में मौजूद लोग उन्हें बचाने पहुंचे. बामुश्किल 14 बच्चों को बचा लिया गया. लेकिन चार बच्चों की डूबने से मौत हो गई. ऐसी ही घटनाएं राज्य के अलग-अलग जिलों में हुई. हादसों के बाद मृतकों के परिजनों मदे कोहराम मच गया. परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. बच्चों की मौत से उनके माता-पिता बेसुध हैं. सीएम नीतीश कुमार ने हादसों पर शोक व्यक्त किया है.