हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस में आंतरिक कलह की चर्चा लगातार हो रही है. पार्टी सांसद कुमारी सैलजा को लेकर कहा जा रहा है कि वह कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से नाराज चल रही हैं. उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने का ऑफर भी मिला, जिसके बाद उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गईं. अब सैलजा ने सिरे से खारिज कर दिया है कि वे कहीं नहीं जा रही हैं और कांग्रेस की ही रहेंगी. साथ ही साथ उन्होंने हुड्डा को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है.

एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में भूपेंद्र हुड्डा के बहन बोलने वाले बयान पर सैलजा ने कहा कि वक्त तो बहन भी, सम्मान भी… बहुत कुछ कहलवा देता है. पार्टी में मेरी अपनी जगह है. मैं किसी भी हीन भावना से त्रस्त नहीं होती हूं. वहीं, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव में उकलाना से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीति में उनका अस्तित्व यहीं खत्म हो गया है. भविष्य में और भी अवसर मिलेंगे. कांग्रेस के चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है. पार्टी हाईकमान ही फैसला करेगा.

हुड्डा ने सैलजा को बताया था सम्मानित नेता

दरअसल, लगातार कहा जा रहा था कि कुमारी सैलजा कांग्रेस से नाराज चल रही हैं. उनके खिलाफ पार्टी के एक कार्यकर्ता ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो वायरल हो गया. इस वीडियो को लेकर भूपेंद्र हुड्डा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ऐसा लग रहा है कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है.

मामला बढ़ने के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने डैमेज कंट्रोल करते हुए रोहतक में कहा, ‘सैलजा उनकी बहन हैं और पार्टी की एक सम्मानित नेता हैं. कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है और ऐसे लोगों के लिए पार्टी के अंदर कोई जगह नहीं है. जाति, धर्म के आधार पर लोगों को आपस में लड़वाना बीजेपी का काम है. किसी ने वीडियो के साथ छेड़छाड़ की है. आजकल ऐसा करना बहुत आसान. हर किसी के पास कैमरा है और कोई भी ऐसा कर सकता है.’

बीजेपी और बसपा ने सैलजा को दिया ऑफर

कुमारी सैलजा के नाराजगी की खबरें आने के बाद केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के दिग्गज नेता मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का ऑफर दे दिया और फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया था. इससे पहले कांग्रेस में अपमान को लेकर बसपा के नेता आकाश आनंद ने भी सैलजा को पार्टी ज्वॉइन करने के ऑफर दे दिया था. अब मायावती ने दलित नेताओं को सलाह दी है कि वे कांग्रेस व जातिवादी पार्टियां छोड़ दें.