कर्ज के बोझ से दबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 4जी और 5जी नेटवर्क उपकरणों की आपूर्ति के लिए नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग को 30,000 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट दिया है. कंपनी ने बताया कि यह कॉन्ट्रैक्ट तीन साल के लिए हुआ है. कंपनी ने इससे पहले तीन साल में 6.6 अरब डॉलर यानी 55,000 करोड़ रुपए के कैपिटल एक्सपेंडिचर की घोषणा की थी. यह सौदा इस दिशा में पहला कदम है. कंपनी ने बयान में कहा कि वोडाफोन आइडिया ने नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग के साथ तीन साल की अवधि में नेटवर्क उपकरणों की आपूर्ति के लिए करीब 3.6 अरब डॉलर (करीब 30,000 करोड़ रुपए) का एक बड़ा सौदा किया है.
बयान में कहा गया है कि इस कैपिटल एक्सपेंडिचर कार्यक्रम का लक्ष्य 4जी आबादी के दायरे को 1.03 अरब से बढ़ाकर 1.2 अरब करना, प्रमुख बाजारों में 5जी सेवा शुरू करना और डेटा की वृद्धि के अनुरूप क्षमता का विस्तार करना है. इन नए दीर्घकालिक ठेकों के तहत आपूर्ति आगामी तिमाही में शुरू होगी. बयान में कहा गया है कि 1.2 अरब भारतीयों तक 4जी सेवा (कवरेज) का विस्तार कंपनी की शीर्ष प्राथमिकता है. अब यहां सवाल ये है कि क्या इससे कंपनी की डूबती नैया पार लगेगी? क्योंकि कंपनी के शेयर में आई गिरावट इस ओर इशारा नहीं कर रहे हैं.
20 फीसदी नीचे आया स्टॉक
बता दें कि वोडाफोन और आइडिया का जब मर्जर हुआ था, तब वह देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन चुकी थी. लेकिन अब उसकी जो हालत है, उसके बारे में सबको पता है. कुछ ऐसी ही हालत कंपनी के शेयर की भी है, जो बीते दो ट्रेडिंग सेशन में 20 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया. अभी कंपनी के शेयर का बंद भाव करीब 10 रुपए है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कंपनी के इन आंकड़ों को देखकर मार्केट के अधिकतर एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनी का शेयर अभी मुश्किल दौर में है. नोमुरा इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया का ये सबसे बुरा दौर है,जो अब पीछे छूट रहा है. हालांकि अन्य एक्सपर्ट इस बारे में एकमत नजर नहीं आते हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के मुताबिक नोमुरा जहां इसे बाय रेटिंग देती है. तो वहीं नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज होल्ड, जेएम फाइनेंशियल्स सेल और गोल्डमैन सैक्स इसे अंडरपरफॉर्म की रेटिंग देता है.