कर्नाटक हाई कोर्ट के जज वेदव्यासचार श्रीशानंद की मुश्किलें बढ़ गई है. उन्होंने बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान बताया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट उनके इस विवादास्पद टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि हम इस मुद्दे पर दिशा निर्देश जारी करेंगे.
सीजेआई ने कहा कि अदालती कार्यवाही के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट के जज द्वारा की गई टिप्पणियों पर मीडिया रिपोर्ट ने ध्यान आकर्षित किया है. जस्टिस श्रीशानंद ने 28 अगस्त को एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी.
25 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
CJI ने कहा कि हम कर्नाटक हाई कोर्ट के जज से अनुरोध करते हैं कि वह हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से निर्देश लेने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करें. चीफ जस्टिस ने इसके लिए दो दिन का समय दिया है. रिपोर्ट सेक्रेटरी जनरल हाई कोर्ट द्वारा की जा सकती है. एजी और एसजी कोर्ट की सहायता करेंगे. अदालत इस पर दिशा निर्देश जारी करेगा. मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.
जस्टिस श्रीशाह नंदा ने क्या कहा था?
कर्नाटक हाई कोर्ट के जिस ने यह टिप्पणी की थी, उनका नाम जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद है. उन्होंने दो टिप्पणियां की थीं. एक पाकिस्तान से जुड़ी और एक महिला वकीलों से संबंधित थी, जिसकी क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई है. इस क्लिप के वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है.
जस्टिस श्रीशानंद ने 28 अगस्त को एक मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक के गोरी पाल्या (मुस्लिम बहुल इलाके) को पाकिस्तान कहा था. श्रीशाह नंदा ने कहा था कि गोरी पाल्या में एक ऑटो में 10 लोग होते हैं, वहां कानून लागू नहीं होता, गोरी पाल्या से मैसूर फ्लाईओवर तक का इलाका पाकिस्तान में है, भारत में नहीं. यहां कानून नहीं लागू होता और यही सच्चाई है.
जस्टिस नंदा किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे थे. जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद ने 5 मई 2020 को कर्नाटक हाई कोर्ट के एडिशन जज के रूप में शपथ ली थी. 25 सितंबर 2021 को वह कर्नाटक हाई कोर्ट के स्थायी जज बन गए.