राजस्थान के जोधपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान बीते दिनों एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की तबीयत बिगड़ गई थी. उनका पेट का ऑपरेशन हुआ था. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अहमदाबाद रेफर किया गया. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. परिवार का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते प्रियंका की तबीयत बिगड़ गई. इस पूरे मामले को लेकर अब जिला कलेक्टर ने अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई पिछले दिनों पेट में दर्द की शिकायत के चलते जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में अपना इलाज करवा रही थीं. इसी महीने की 5 तारीख को प्रियंका बिश्नोई का गायनी विभाग में पेट का ऑपरेशन हुआ. घरवालों का कहना है कि ऑपरेशन के समय प्रियंका बेहोश थीं, लेकिन बीच-बीच वे होश में भी आईं. आरोप है कि ऑपरेशन में लापरवाही बरती गई और खून ज्यादा बह गया. अब उनका इलाज अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल में चल रहा है.

इलाज में लापरवाही का लगा आरोप

परिवार का आरोप है कि इलाज में अस्पताल की ओर से लापरवाही बरतने के कारण प्रियंका की तबीयत बिगड़ी. इसको लेकर घरवालों ने जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल से शिकायत की. इसी शिकायत पर अब जिला कलेक्टर ने जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ भारती सारस्वत को जांच के आदेश दिए हैं.

जिला कलेक्टर ने अस्पताल के खिलाफ दिए जांच के आदेश

जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में लिखा है कि इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाए और जांच रिपोर्ट कार्यालय में तीन दिन में प्रस्तुत किया जाए. वहीं, कलेक्टर के आदेश के बाद एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर भारती सारस्वत ने जांच के लिए सीनियर डॉक्टरों की कमेटी भी गठित कर ली है. इस कमेटी में गायनी विभाग से डॉ रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ इंदु थानवी, सर्जरी से डॉ विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ शुभकरण खीचड़, एनेस्थीसिया से डॉ नवीन पालीवाल शामिल हैं. प्रियंका बीकानेर की रहने वाली हैं. उनका ससुराल फलोदी में है. उनके पति आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं. इसी साल 1 अगस्त को जोधपुर शहर ट्रांसफर हुआ था.