भारतीय रेल ने पहली बार छोटे और मध्यम दूरी के लिए वंदे मेट्रो की शुरुआत की है. गुजरात के अहमदाबाद से भुज के बीच चलने वाली यह ट्रेन 12 कोच की होगी. इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मरीजों को ले जाने के लिए अलग से ड्राइवर सीट के पास स्ट्रेचर रखने की सुविधा मुहैया की गई है. आम बोलचाल की भाषा में बोलें तो देश में पहली बार मध्यम दूरी की ट्रेन में एम्बुलेंस सुविधा लगायी गई है.
क्या हैं इस ट्रेन के फ़ायदे
तीव्र और सुरक्षित अंतर-शहर संपर्क के लिए भारत की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन है. इस ट्रेन का उद्देश्य देश में अंतर-शहर आवागमन को पुनः परिभाषित करना है. प्रत्येक कोच स्वचालित स्लाइड दरवाजे, यात्री टॉकबैक प्रणाली, आग एवं धुआं पहचान प्रणाली से लैस है. इससे लोगों को अत्याधुनिक आवागमन सुविधा मिलेगी. वंदे मेट्रो 12 कोच की होगी. इस ट्रेन के यदि औसत रफ्तार की बात करें तो 62.439 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. जबकि इसकी अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी.
क्या होगा किराया?
रेलवे सूत्रो के मुताबिक, 23 किलोमीटर के लिए किराया लगभग 30 रुपये होगा. 27 किमी की यात्रा 35.7 रुपये में होगी. अहमदाबाद से भुज के बीच की दूरी 352 किलोमीटर है, जिसका किराया 445 रुपये होगा. इस ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसके कि आग लगने की स्थिति में ट्रेन को कम से कम नुकसान पहुंचे. एरोसोल आधारित अग्नि शमन प्रणाली को विकसित किया गया है. एलएफपी बैटरी के साथ 3 घंटे का बैटरी बैकअप ट्रेन में रखा गया है. इस ट्रेन में मॉड्यूलर इंटीरियर किया गया है.
सामान रखने के रैक, हैंड होल्ड और डोर हैंड रेलिंग से सुसज्जित यह ट्रेन है. अलार्म प्रणाली के साथ स्वचालित धुआं/आग का पता लगाने से सिस्टम को शामिल किया गया है. प्रत्येक कोच में ड्राई केमिकल पाउडर के दो अग्निशामक यंत्र – 4 किग्रा क्षमता के लगाए गए हैं. इसके साथ ही सभी कोच में एस्पिरेशन प्रकार के 15 अग्नि संसूचन बिंदु बनाए गए हैं. यात्री सुरक्षा सुविधा के लिहाज से आपातकालीन अलार्म पुश बटन लगाया गया है.