मध्य अफगानिस्तान के शिया बहुल इलाके में बड़ा हमला हुआ है. यहां बंदूकधारियों ने 14 शिया मुसलमानों को मौत के घाट उतार दिया वहीं 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं. तालिबान सरकार के मुताबिक यह इस साल का सबसे घातक हमला है.
ईरान ने कड़ी कार्रवाई की मांग की
ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA ने ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि शिया समुदाय के लोगों को उस वक्त निशाना बनाया गया जब वह ईराक स्थित धार्मिक स्थल करबला से लौट रहे लोगों का स्वागत करने के लिए जुटे थे. ईरान ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि यह हमला गुरुवार रात किया गया है.
तालिबान के लिए चुनौती बना इस्लामिक स्टेट
इस्लामिक स्टेट समूह अफगानिस्तान में तालिबान का विरोधी संगठन है, जो पिछले 3 साल से स्कूल, अस्पताल, मस्जिद और शिया इलाकों को निशाना बनाकर तालिबान प्रशासन को लगातार चुनौतियां दे रहा है.
तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबिहउल्ला मुजाहिदीन ने हमले की निंदा करते हुए इसे क्रूर करार दिया और कहा कि तालिबान सरकार आम जनता और उनकी संपत्ति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. तालिबान सरकार ने कहा है कि वह दुश्मनों की तलाश कर रहे हैं और उन्हें ढूंढ कर कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी.
वहीं अफगानिस्तान में UN की संस्था UNAMA ने भी इस हमले की निंदा की है. UNAMA ने मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए हमले की जांच कराने और दोषियों को सजा देने की मांग भी की है.
अफगानिस्तान में बढ़ रहे हमले
इस महीने की शुरुआत में, एक आईएस आत्मघाती हमलावर ने राजधानी काबुल में एक प्रॉसीक्यूटर कार्यालय में विस्फोटकों से लदी अपनी जैकेट में विस्फोट कर दिया था. इसके अलावामई में उत्तर-पूर्वी बदख्शां प्रांत में एक मोटरसाइकिल में विस्फोट किया गया, इस हमले में अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चला रहे पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई.