शिमला की संजौली मस्जिद को लेकर मचा बवाल और तनाव थम नहीं रहा है. प्रदर्शनकारी अवैध निर्माण को ध्वस्त करने और राज्य में बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन की मांग कर रहे हैं. सियासी घमासान भी तेज है. विपक्ष सत्ता पक्ष को घेर रहा है. इस बीच गुरुवार को सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि कानून के तहत सभी लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर होगा. बहार से आने वाले वेंडर्स के लिए सरकार कानून लेकर आ रही है. प्रॉपर स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनना चाहिए. इस दौरान उन्होंने बुधवार को हुए प्रदर्शन को लेकर कहा कि इसमें बीजेपी के लोग शामिल हैं, जो कि वीडियो में दिखे हैं.
मस्जिद विवाद के बीच गुरुवार को स्थानीय मुस्लिम कल्याण समिति ने नगर निगम आयुक्त से अवैध हिस्से को सील करने के लिए कहा है. साथ ही अदालत के आदेश के अनुसार इसे ध्वस्त करने की बात कही. इस कमेटी में मस्जिद के इमाम, वक्फ बोर्ड और मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य शामिल हैं.
हम शांति से रहना चाहते हैं
समिति ने ज्ञापन में कहा है कि इलाके में रहने वाले मुसलमान प्रदेश के स्थायी निवासी हैं. समिति भाईचारे को बनाए रखने के लिए यह कदम उठा रही है. समिति के सदस्य ने कहा कि हमने मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को गिराने के लिए आयुक्त से अनुमति मांगी है. हम पर कोई दबाव नहीं है. हम दशकों से यहां रह रहे हैं. यह फैसला एक हिमाचली के तौर पर लिया गया है. हम शांति से रहना चाहते हैं.
प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिए थे बैरिकेड्स
शिमला के संजौली क्षेत्र में बुधवार को लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसमें सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प भी हुई थी. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए थे और पथराव भी किया था. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान करीब 10 लोग घायल हुए थे. इसमें महिलाएं और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
हर घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही है सरकार
प्रदर्शन को लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि सरकार हर घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही है. हम केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री के संपर्क में हैं. मैंने पार्टी अध्यक्ष खरगे और पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला से बात की है. कानून व्यवस्था को लेकर वो भी चिंतित हैं. हिंदू समुदाय को शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है. किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.