बांग्लादेश की कमान मोहम्मद यूनुस के हाथों में आने के बाद पड़ोसी देश से भारत विरोधी आवाजें उठने लगी हैं. चीन और पाकिस्तान भी इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. एशिया में भारत बांग्लादेश का सबसे बड़ा पार्टनर रहा है और भारत ने बांग्लादेश की परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश कर रखा है. ऐसे में बांग्लादेश के लिए भारत के साथ खटास रखना या उसके ऊपर पाक-चीन को तरजीह देना फायदेमंद नहीं होगा. बांग्लादेश से शेख हसीना की सत्ता छिनने के बाद ये हालात पनपे हैं.
साउथ एशिया में भारत की ताकत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मालदीव ने भी हाल ही में भारत को तेवर दिखाने की कोशिश की थी और अब वो दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है. भारत को आंख दिखा चीन की गोद में बैठने की हसरत रखने वाले मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत से मदद मांग रहे हैं. अगर बांग्लादेश मालदीव से सबक नहीं लेता तो, ये उसके लिए भारी पड़ सकता है.
भारत से शर्त के साथ अच्छे रिश्ते-यूनुस
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भारत से अच्छे रिश्तों की बात तो कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ वो शर्तों का जिक्र भी कर देते हैं. बुधवार को उन्होंने एक बार फिर कहा कि हम भारत और पड़ोसियों के साथ ‘निष्पक्षता और समानता’ के आधार पर अच्छे रिश्ते चाहते हैं. यूनुस ने टेलीविजन पर दिए गए अपने भाषण में बताया कि पदभार संभालने के बाद उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ सहित कई विदेशी नेताओं से बधाई कॉल आए. यूनुस ने कहा, “हम भारत और दूसरे पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन ये संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए.”
पहले भी यूनुस भारत को अपनी शर्तों में बांधने की कोशिश कर चुके हैं. पिछले महीने उन्होंने कहा था अगर भारत शेख हसीना को अपने पास रखना चाहता है, तो रखे लेकिन उन्हें चुप रहना होगा. अगर ऐसा नहीं होता तो भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे. मोहम्मद यूनुस अपने बयानों से चीन और पाक की तरफ जाते दिखाई दे रहे हैं और अपने सबसे बड़े पड़ोसी व एशिया की बड़ी ताकत भारत को कम आंक रहे हैं. जानकार मानते हैं, ऐसा करना उनके लिए गलत साबित होगा और वे भी मालदीव की राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की तरह मूहं की खाएंगे.
बांग्लादेश को भारत की जरुरत क्यों?
भारत और बांग्लादेश ऊर्जा, व्यापार, आधारभूत अवसंरचना, कनेक्टिविटी और रक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से सहयोगी रहे हैं. साउथ एशिया में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है, दोनों देशों के बीच 2020-21 में द्विपक्षीय व्यापार 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक था जो साल 2021-2022 में 18 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजब से इनके बीच व्यापार में गिरावट देखने को मिली.
भारत से बांग्लादेश को निर्यात होने वाली चीज़ों की बात करें, तो बांग्लादेश के लिए भार ऊर्जा के लिए बेहद जरुरी है. पड़ोसी देश भारत से लगभग 2,000 मेगावाट बिजली आयात करता है. इसके अलावा भारत से बांग्लादेश को एक्सपोर्ट किए जाने वाले सामानों में कॉटन और कॉटन वेस्ट का प्रमुख हैं. 2021-22 में 164 करोड़ डॉलर से ज्यादा के कॉटन और कॉटन वेस्ट का एक्सपोर्ट हुआ था. इसी साल भारत ने बांग्लादेश को 119 डॉलर से ज्यादा का गेहूं निर्यात भी किया था. इसके अलावा चावल, चीनी और दूसरे आनाज भी बांग्लादेश भारत से लेता है.
भारत भी बांग्लादेश से कई चीजे खरीदता है, भारत को बांग्लादेश करीब 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सामान एक्पोर्ट करता है. इसमें कपड़े, तैयार कपड़े और बुने कपड़े, जूट और जूट का सामान, चमड़े के सामान खासकर जूते, बैग और पर्स आदि शामिल हैं. इसके अलावा हाल के सालों में बांग्लादेश ने जेनरिक दवाओं और फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट को भारत को निर्यात किया है. भारत मसाले और समुद्री उत्पाद जैसे मछली आदि भी बांग्लादेश से लेता है.
कर्ज में डूबा मालदीव को भारत का सहारा
अर्थव्यवस्था का आकलन करने वाली एजेंसी फिच ने इस साल जून मे अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मालदीव अपने अंतरराष्ट्रीय कर्जों की किस्त चुकाने से चूक सकता है. मालदीव के ऊपर पिछले साल तक 4.038 अरब डॉलर का कर्ज था, जो उसकी कुल GDP का 118 फीसदी है. 2022 से 2023 के बीच कर्ज में करीब 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है. इसमें सबसे ज्यादा कर्ज चीन का है.
बता दें कि पिछले साल के आखिर तक मालदीव पर भारत का करीब 400.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर बकाया था. इस साल मई में भारत ने मालदीव को 5 करोड़ डॉलर का और बजट सपोर्ट दी है. ये मदद ऐसे वक्त में की गई जब मालदीव का रुख भारत के खिलाफ रहा था.
मालदीव ने माना भारत का लोहा
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था और पद संभालने के बाद भारत से दूरी बनाते नजर आए थे. उनकी सरकार के कई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थीं. भारत को तेवर दिखाने के कुछ महीनों बाद ही मालदीव कंगाल होने की कगार पर आ गया है और भारत से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है, भारत से नजदीकियां बढ़ा रहा है.
मालदीव के राष्ट्रपति ऑफिस की प्रवक्ता हीना वलीद ने जानकारी दी है कि मोहम्मद मुइज़्ज़ू जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं. ये घोषणा ऐसे दिन की गई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए जनवरी में निलंबित किए गए दो जूनियर मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया है. यानी जो मुइज्जू कभी भारत के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करने से नहीं चूक रहे थे, अब वो अपनी कैबिनेट से उन नेताओं को भी हटा रहे हैं जो भारत के खिलाफ आवाज उठाते हैं.
बांग्लादेश में बड़े आंदोलन के बाद शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया है और अब वहां नई अंतरिम सरकार है. लेकिन जिस तरह से वहां हिंदुओं के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं, और वहां के नेता भारत को लेकर नरम रुख नहीं अपना रहे हैं, वो दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर सकता है. ऐसे में राजनीतिक संकट से जूझ रहे बांग्लादेश के लिए भारत की नाराजगी झेलना आसान नहीं होगा.