अपनी यात्रा के अंतिम दिन कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत में लोकतंत्र की लड़ाई पूरी तरह भारतीय है और इसमें किसी बाहरी का कुछ लेना-देना नहीं है. यह हमारा देश है और हम इसकी देखरेख कर लेंगे. राहुल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे की देश में लोकतंत्र सही तरीके से कम करे.

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि भारत का लोकतंत्र, दुनिया के अन्य लोकतंत्र की तुलना में अपने आबादी और आकार के चलते ज्यादा महत्वपूर्ण है. दुनिया में जब भी लोकतंत्र की बात होगा तब, भारत के लोकतंत्र का एक विशेष स्थान होगा. राहुल गांधी ने आगे कहा की हमें यह समझना होगा की भारत का लोकतंत्र पूरी ना सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संपत्ति के तरह है.

अमेरिका को सलाह देना मेरा काम नहीं

राहुल से जब पूछा गया कि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका को प्रधानमंत्री मोदी पर ज्यादा दबाव डालना चाहिए, तो कुछ का कहने है कि मोदी पर बाहरी दबाव का कुछ असर नहीं होगा, आप की क्या राय है कि अमेरिका को भारत कैसे रिश्ते रखने चाहिए, तो उन्होंने कहा कि यह मेरा काम नहीं है की मैं अमेरिका को यह सलाह दूं कि उसे भारत से कैसे रिश्ते रखने चाहिए.

राहुल गांधी ने इससे पहले जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद कुछ बदल गया है. लोगों ने कहा कि अब डर नहीं लगता. मेरे लिए यह दिलचस्प है कि बीजेपी और पीएम मोदी ने इतना डर फैलाया लेकिन सब कुछ सेकंड के भीतर गायब हो गया.