जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है और अगले हफ्ते यहां पर पहले चरण की वोटिंग होनी है. चुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन कर लिया है. राज्य की प्रमुख पार्टी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन सिद्धांतों पर आधारित नहीं है. ये लोग सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
अनंतनाग में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने समाचार एजेंसी ANI ने कहा, “जब मैं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन में थी, तो मैंने पीडीपी और जम्मू-कश्मीर के लोगों के एजेंडे को आगे बढ़ाया, लेकिन जब एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) बीजेपी के साथ गठबंधन में थी, तो उन्होंने अपना एजेंडा आगे बढ़ाया.”
आज भी बह रही खून की नदीः महबूबा
गठबंधन पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है, एनसी और कांग्रेस गठबंधन सिद्धांतों पर आधारित नहीं है, अगर यह सिद्धांतों पर आधारित होता, तो 1987 के विधानसभा चुनाव के दौरान… उन्होंने जम्मू-कश्मीर को खून की नदी में नहीं धकेला होता. साल 1987 से जम्मू-कश्मीर में खून की वह नदी आज भी बह रही है, इसके पीछे की वजह एनसी की ये हरकतें हैं… वे सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.”
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हर जगह से कांग्रेस के खिलाफ अपने आजाद उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा है, ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने लद्दाख में किया था. बाद में वह उम्मीदवार नेशनल कॉन्फ्रेंस में चला गया है.”
निर्दलीय उम्मीदवार भी उतार रही NC- महबूबा
ऐसा नहीं है कि महबूबा ने पहली बार इस गठबंधन पर निशाना साधा है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को पीडीपी अध्यक्ष ने कहा था कि यह सत्ता हासिल करने के लिए की गई सीट-बंटवारे की व्यवस्था है. उन्होंने कहा था, “यह सिद्धांतों पर आधारित गठबंधन नहीं है. सत्ता के लिए सीटों का बंटवारा किया गया है. आप देख सकते हैं. जेकेपीसीसी के अध्यक्ष (तारिक हमीद कर्रा) जिस सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, त्राल में क्या हो रहा है. जहां भी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के लिए सीट छोड़ी है, वहां एनसी का कोई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है और उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से पूरा समर्थन भी हासिल है.”
दूसरी ओर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर पिछले हफ्ते बुधवार को कहा था कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन कोई मजबूरी नहीं है, बल्कि यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विकास और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय की मांग है. दक्षिण कश्मीर में फारुक अब्दुल्ला ने कहा, “यह (गठबंधन) कोई मजबूरी नहीं है. बल्कि यह वक्त की मांग है. हम जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं.”
फारूख अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती की ओर से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को लेकर दिए गए बयानों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अलग-अलग बयान देती रहती हैं.