हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें 32 उम्मीदवार का ऐलान किया है. इस बीच पार्टी गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश में जुटी हुई है. सूत्रों का कहना है कि हरियाणा कांग्रेस में नेता पुत्रों के टिकट पर असमंजस बना हुआ है. इसको लेकर कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप किया है और किस तरह से टिकट का बंटवारा होगा इसको लेकर तस्वीर साफ कर दी है.
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी से वापस कांग्रेस में लौटे चौधरी वीरेन्द्र सिंह अपने सिटिंग सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया. अब वो हरियाणा विधानसभा चुनाव में उचाना कला से सीट से बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं.
स्क्रीनिंग कमेटी का फैसला, नहीं मिलेगा सांसदों को टिकट
वहीं, रणदीप सुरजेवाला खुद कैथल विधानसभा से टिकट चाहते हैं, लेकिन खुद को नहीं मिलने की सूरत में बेटे आदित्य के लिए टिकट मांग रहे हैं. इसके अलावा हिसार से सांसद जयप्रकाश अपने बेटे विकास के लिए कलायत से टिकट चाहते हैं.
इस बीच भूपेंद्र हुड्डा के राज्यसभा सांसद बेटे दीपेन्द्र हुड्डा ने भी विधानसभा का टिकट मांगा है. दरअसल, स्क्रीनिंग कमेटी ने फैसला किया है कि किसी सांसद को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन सीएम की दावेदारी करने वाली कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला अपने लिए टिकट मांगने से पीछे नहीं हट रहे है. वे पार्टी आलाकमान से हस्तक्षेप की गुहार लगा रहे हैं. इसी दांव की काट के लिए हुड्डा खेमे ने नया दांव चला है.
खरगे करेंगे राहुल गांधी से बात
सीईसी की शुक्रवार को हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सब कमेटी के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री से नेता पुत्रों के टिकट पर फैसला करने की बात कही, तो मिस्त्री ने फौरन कहा कि मेरा काम उम्मीदवारों की छानबीन करने का है. टिकट देना है या नहीं ये आप और राहुल गांधी जी तय करें. उनके इस बयान पर फौरन सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि टिकट मेरिट के आधार पर ही दिए जाएं. अब माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुद विदेश गए राहुल गांधी से संपर्क करके इस मसले पर फैसला लेंगे.