शिमला में मस्जिद को लेकर घमासान मचा हुआ है. गुरुवार को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने अवैध मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर विधानसभा के पास चौड़ा मैदान में विरोध प्रदर्शन किया. इस मस्जिद को लेकर राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बारे में कानून अपना काम करेगा. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि ये अवैध मस्जिद है, सरकारी जमीन पर बनी है.

बता दें कि 1 सितंबर को मलयाना क्षेत्र में एक व्यवसायी पर हमला किया गया था. कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग इसमें शामिल थे. घटना के तुरंत बाद, लोग संजौली के बाहर मलयाना में एकत्र हुए और वहां एक मस्जिद को गिराने की मांग की.

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बुधवार को विधानसभा में भी चर्चा हुई है. 2010 में शिमला कॉरपोरेशन में मामला भी दर्ज है. ये अवैध मस्जिद है, सरकारी जमीन पर बनी है. गांव में कुछ विवाद हुआ, तब ये मामला सामने आया. आरोपी इस मस्जिद में शरण लेने पहुंचे. 300 से ज्यादा लोगों का आना शुरू हो गया है, किसी की कोई पहचान नहीं है.ये चिंता का विषय है.

जयराम ठाकुर ने सीएम पर बोला हमला

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ही मंत्री ने कहा कि ये गलत तरीके से बना है. चिंता की बात यह है कि गलत काम करके लोग मस्जिद में शरण लेने पहुंचे. उन्होंने कहा कि सुक्खू का पहले बयान आया था कि हिंदुवादी सत्ता को हराकर आया हूं. इसी से उनकी मानसिकता पता चलती है. इस पूरे विषय पर कार्यवाही होनी चाहिए. 2010 से इसकी निर्माण की शुरुआत हुई थी, ये तब तक अननोटिस्ड था.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को उन्हें फोन किया और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया.

कानून करेगा अपना कामः सीएम सुक्खू

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि छोटी बातें बड़ी बन जाती है. इनसब बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. देश के संविधान के अनुसार कोई भी देश का नागरिक कहीं भी रह सकता है.किसी भी समुदाय के लोगों को कोई भी तंग न करे ये हमें देखना है. किस मंत्री ने क्या बयान दिया हमें नहीं देखना है. कानून हाथ में लेने की इज़ाज़त किसी को नहीं होगी .यह मै आपको सपष्ट करना चाहूंगा.

इससे पहले ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और मामला पिछले 14 वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन है. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी भी अतिक्रमणकारी के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और जो भी कार्रवाई की जाएगी, वह कानून के मापदंडों के तहत होगी, चाहे वह कार्रवाईनगर निगम द्वारा की जाए या पुलिस द्वारा की जाए.