कोई भी बच्चा स्कूल इसलिए आता है ताकी वहां मौजूद शिक्षक उन्हें सही दिशा दिखा सकें और आने वाले भविष्य को बनाने में उनकी मदद कर सकें. लेकिन छत्तीसगढ़ के एक स्कूल में बच्चों टीचर तो दिए ही नहीं जा रहे साथ ही बच्चों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो उनको जेल भेजने की धमकी भी दे डाली. बच्चों ने रोते-रोते मीडिया को सारी बात बताई जिसके बाद विभागों में हड़कंप मच गया.
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखण्ड के आलिवारा शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला के हायर सेकेंडरी में पढ़ने वाले बच्चे बहुत परेशान हैं. स्कूल के ये बच्चे पढ़ने-लिखने की उम्र में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं ताकी उनको शिक्षक मिल पाएं. इसलिए बच्चे कलेक्टर के पास पहुंचे और अपने स्कूल में शिक्षक की कमी को लेकर शिकायत की. स्कूली बच्चों ने कलेक्टर के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया.
डीईओ ने बच्चों से की बदसलूकी
शिक्षक की मांग को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे बच्चों को कलेक्टर ने डीईओ के पास भेज दिया. इस आशा में सारे बच्चे पेरेंट्स के साथ डीईओ के ऑफिस पहुंचे कि वहां उनकी समस्या का समाधान होगा, लेकिन डीईओ साहब तो चार हाथ आगे निकले. उन्होंने बच्चों की शिकायत सुनने की जगह उनको ऑफिस से भाग जाने के लिए कहा. बच्चों का आरोप है की डीओ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें जेल भेजने की धमकी दी. वहीं डीईओ से मिलने के बाद स्कूली बच्चों ने रो-रोकर मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाई.
कलेक्टर के नाम दिया ज्ञापन
कलेक्टर के नाम दिए गए ज्ञापन में बच्चों ने तीन दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था ठीक ना होने पर स्कूल में धरना प्रदर्शन और ताला जड़ने की बात कही है. वहीं जिला प्रशासन ने दो दिन के अंदर शिक्षकों की व्यवस्था करने का आश्वाशन दिया है. इस मामले में डीईओ ने का कहना है कि इस तरह कि कोई बात नहीं हुई है और बच्चों को कानून अपने हाथ में नहीं लेने की बात समझाइ गई है, बाकी शिक्षकों की व्यवस्था भी की जा रही है. दरअसल, डोंगरगढ़ विकाखंड के आलिवारा मिडिल स्कूल में 11, 12वीं के साइंस और आर्ट्स स्ट्रीम की कक्षाएं संचालित हैं लेकिन स्कूल में एक भी टीचर नहीं है. यहां बच्चे शिक्षक की कमी से जूझ रहे हैं और अपनी मागों को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे थे.
स्कूल में नहीं हैं शिक्षक
वहीं अपने बच्चों के साथ कलेक्टर से मिलने आए पेरेंट्स का कहना है की पिछले दो साल से आलिवारा में हायर सेकेंडरी के क्लासिस लग रही हैं लेकिन एक भी शिक्षक स्कूल में नहीं है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हो रही है. हाई स्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे थे,स लेकिन कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं. कलेक्टर ने दो दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था करने का आश्वाशन दिया है, लेकिन डीईओ ने बच्चों के साथ गलत तरीके से बात की, तभी बच्चे रो रहे हैं. कहा कि स्कूली बच्चों ने आवेदन में लिखा है कि अगर तीन दिन में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं होगी तो स्कूल में धरना प्रदर्शन करेंगे और ताला लगा देंगे.