यूरिक एसिड की समस्या 40 प्लस एज वालों के साथ ही आजकल यंगस्टर्स में भी देखने को मिल रही है. इसमें जोड़ो में तेज दर्द, सूजन जैसी दिक्कत होने लगती हैं. शरीर में प्यूरीन तत्व के टूटने से यूरिक एसिड बनता है और किडनी से फिल्टर होकर यूरिन के रास्ते शरीर से निकल जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगे तो शरीर में इसका लेवल बढ़ने की वजह से हड्डियों पर बुरा असर होने लगता है. बढ़े हुए यूरिक एसिड पर ध्यान न दिया जाए तो ये क्रिस्टल्स में टूट जाता है और जॉइंट्स में इसका जमाव होने लगता है. यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए सही रूटीन और बैलेंस डाइट लेना जरूरी होता है.
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर अगर इसका जमाव होने लगे तो किडनी में स्टोन हो सकता है इसके साथ ही गठिया की समस्या हो सकती है और इससे शरीर में ग्लूकोज का स्तर भी बढ़ता है, जिससे आप डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है, इसलिए वक्त रहते यूरिक एसिड के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और इसे कंट्रोल करने के लिए अपना खानपान में सुधार करना सही रहता है.
क्या हैं यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण?
यूरिक एसिड बढ़ाने वाले फूड्स
अगर रेड मीट, सी फूड, बीयर, शुगर वाली ड्रिंक और हाई प्रोटीन फूड्स, का ज्यादा सेवन किया जाए तो इससे शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ती है, जिस वजह से यूरिक एसिड का लेवल भी बढ़ने लगता है. इसके अलावा अगर किडनी की कार्यक्षमता कमजोर हो तो इस स्थिति में भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है.
एक्सपर्ट से जानें क्या न खाएं
जयपुर की डॉ. आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर किरण गुप्ता कहती हैं कि जिन लोगों के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है उन्हें खट्टी चीजें जैसे अमचूर, इमली आदि खाने से परहेज करना चाहिए, नहीं तो समस्या और भी बढ़ सकती है. इसके अलावा पैक्ड जूस और अन्य प्रोसेस्ड फूड्स से भी परहेज करें. यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर राजमा, चना, मूंग आदि दालें और रेड मीट खाने से बचना चाहिए.
क्या खाना रहता है सही?
डॉक्टर किरण गुप्ता के मुताबिक, यूरिक एसिड वालों को खट्टे में कैरी, अमचूर, इमली जैसी चीजें बिल्कुल नहीं खानी चाहिए, लेकिन एक सीमित मात्रा में आंवला, संतरा, कीवी, चेरी, स्ट्रॉबेरी, खरबूजा, तरबूज, और नींबू आदि फलों का सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा दूध, कॉफी, टमाटर, खीरा, प्याज, आदि खाना फायदेमंद रहता है. यूरिक एसिड वालों को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में जमा अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है.