आम आदमी पार्टी का राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामले में जेल में बंद विभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ विभव को जमानत दी है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच पूरी हो गई है और चार्जशीट दाखिल हो गया है. ऐसे में हम ज्यादा दिन तक याचिकाकर्ता को जेल में नहीं रख सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने विभव कुमार को जमानत देते हुए टिप्पणी भी की. अदालत ने कहा कि जब चोटें साधारण हों तो आप किसी व्यक्ति को 100 दिनों से अधिक समय तक जेल में नहीं रख सकते. औसत दर्जे की रिपोर्ट देखें. आपको यहां दोनों में संतुलन बनाना होगा न कि जमानत का विरोध करना होगा.
कोर्ट बोला- सुनवाई में अधिक समय लगने की संभावना
विभव कुमार की ओर से दायर जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में याचिकाकर्ता पहले से ही 100 दिनों से ज्यादा समय से जेल में बंद है. इस मामले में 51 से अधिक गवाहै. ऐसे में सुनवाई में और अधिक समय लगने की संभावना है.
ASG ने जमानत का किया विरोध
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश ASG एसवी राजू ने जमानत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना है. इस पर अदालत ने कहा कि जमानत की शर्तें निचली अदालत तय करेंगी. विभव कुमार सीएम ऑफिस और ऑफिसर के यहां नहीं जाएंगे. इसके अलावा कोई भी सरकारी पद विभव कुमार को नहीं दिया जाएगा. न ही वे सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ करेंगे और न ही केस से जुड़ा कोई बयान देंगे.
18 मई को हुई थी गिरफ्तारी
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री आवास में विभव कुमार पर बदसलूकी का आरोप लगाया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 18 मई को विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया. तब से विभव कुमार जेल में बंद हैं. विभव की ओर से निचली अदालत के अलावा हाई कोर्ट में भी जमानत की याचिका दायर की गई थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी. इसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.