शिवपुरी। गुना-शिवपुरी सांसद एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंच पर टेंट टूट गर गिरने के मामले की प्रशासनिक जांच कराई जाएगी। जांच में इन तथ्यों की जांच कराई जाएगी कि यह महज एक हादसा था या फिर साजिश। इसके अलावा इस मामले में कहां-कहां लापरवाही रही, जिसके कारण टेंट टूट कर गिरा। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर लापरवाहों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया रिकार्ड मतों से जीत हासिल करने और केंद्रीय मंत्री बनने के उपरांत पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आए थे। इसी क्रम में मंगलवार को वह शिवपुरी पहुंचे। शिवपुरी में जब उनका रोड शो चल रहा था, तभी रास्ते में तेज आंधी-तूफान के बीच आसमान में बिजली कड़कना शुरू हो गई और मूसलाधार बारिश होने लगी। इसके बाबजूद उनका रोड शो जारी रहा और वह भीगते हुए माधव चौक चौराहे तक पहुंचे।
इसके बाद जब वह मंच पर पहुंचे तो जनता का अभिवादन करने के बाद महज कुछ सैकेंड में ही उन्होंने अपना भाषण समाप्त कर दिया। इसी दौरान अचानक टेंट अाकर उनके ऊपर गिर गया। अगर टेंट को वहां मौजूद नेताओं ने अपने हाथों पर नहीं झेला हाेता हो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हादसे का शिकार हो सकते थे। इस मामले में शिवपुरी कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी का कहना है कि वह फिलहाल तो बाहर हैं, परंतु उन्होंने अपने अधिनस्थों को फिलहाल मौखिक रूप से मामले की जांच करने के आदेश दे दिए हैं।
कलेक्टर का कहना है कि उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अगर यह हादसा है तो इस बात की जांच की जाए कि इसमें कहां-कहां लापरवाही बरती गई, जिसके कारण टेंट टूटने की स्थिति निर्मित हुई। जांच के दौरान इस बात की भी जांच की जाएगी कि बारिश का माैसम होने के बाबजूद ऐसे आकार में टेंट क्यों नहीं लगाया गया कि टेंट पर पानी न भरे। उनके अनुसार हर बिंदु पर गहनता के साथ जांच करवाई जाएगी।
सिंधिया की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिक्योरिटी की थी
प्रशासन और पुलिस से जुड़े हुए विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि जिस तरह का मौसम रोड शो और आम सभा के दौरान निर्मित हुआ था, उसे देखते हुए केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को निर्णय लेना था कि क्या सिंधिया ऐसे को ऐसे मौसम में खुली जीप में रोड शो करना चाहिए या नहीं। मंच पर जाना चाहिए या नहीं आदि। अगर सिंधिया ने अपना भाषण हमेशा की तरह लंबा खींचा होता तो शत प्रतिशत उनके आसपास कोई नेता नहीं होता और उस स्थिति में टेंट टूट गर गिरा होता तो वह हादसे का शिकार हो सकते थे। ऐसे में इस मामले को उनकी सुरक्षा व्यवस्था में चूक से जोड़ कर देखा जा रहा है।