बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत का पहले किसानों के खिलाफ बयान और फिर फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर पंजाब भर में कड़ा विरोध किया जा रहा है. फिल्म पर बैन लगाने की मांग की जा रही है. इस बीच कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान सामने आया है. पंजाब के जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि एसजीपीसी की परमिशन के बिना न तो फिल्म चलेगी और न ही चलने दी जाएगी.
सांसद ने कहा कि कंगना को ज्यादा सीरियस नहीं लेना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सिमरनजीत सिंह मान को लेकर भी तंज कसा और कहा कि उनकी तरह गुस्सा नहीं करना चाहिए. चन्नी ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां भी सिखों के इतिहास दिखाया जाना है उसके लिए पहले एसजीपीसी को फिल्म दिखाकर उनसे परमिशन ली जाए. उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिख समुदाय के लोगों की सर्वोच्च संस्था है और उसे परमिशन लेनी जरूरी है.
‘एसजीपीसी को दिखाई जाए फिल्म इमरजेंसी’
चन्नी ने साफ कहा कि अगर कंगना को अपनी फिल्म चलानी है तो पहले एसजीपीसी को फिल्म दिखाई जाए और सिख इतिहास का किरदार सही से दिखाया जाए. उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ही डिसाइड करेगी और उनके सर्टिफिकेट के बाद ही फिल्म चल पाएगी.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर
वहीं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट सोमवार 2 सितंबर को एक सिख संगठन की याचिका पर सुनवाई करेगा. याचिका में फिल्म इमरजेंसी की रिलीज को रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता के वकील एन.एस. रूपराह ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि जबलपुर सिख संगत ने कंगना की फिल्म के खिलाफ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि ये फिल्म समाज के लिए हानिकारक है.
फिलहाल फिल्म ‘इमरजेंसी’ को रिलीज करने के लिए सेंसर बोर्ड की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है. इस फिल्म में कंगना ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है. फिल्म की कहानी 1975 में लगी इमरजेंसी पर आधारित है. ये फिल्म 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. हालांकि अब तक फिल्म को CBFC से मंजूरी नहीं मिली है.