सहकर्मी को दिल दे बैठी शादीशुदा महिला, पति-पत्नी और वो रहने लगे संग, और फिर...

सहकर्मी से इश्‍क कर बैठी महिला
 
सहकर्मी को दिल दे बैठी शादीशुदा महिला, पति-पत्नी और वो रहने लगे संग, और फिर...

पति के रहते सहकर्मी को दिल दे बैठी महिला

एक शादीशुदा महिला को अपने सहकर्मी से प्यार हो गया। ऐसे में उसने अपने पति से अलग होने के बजाय सहकर्मी को भी रिश्ते में शामिल कर लिया। महिला अब पति और सहकर्मी संग ही एक घर में रहती है।

तीनों एक Polygamy रिलेशन में हैं. Polygamy ऐसा रिलेशन है जिसमें महिला या पुरुष के एक समय में एक से अधिक पार्टनर होते हैं।

अमेरिका के इंडियाना में रहने वाली 39 साल की साराह निकोल भी Polygamy रिलेशन में हैं। जिम ट्रेनर निकोल दो बच्चों की मां हैं। वह अपने 38 साल के पति रयान के साथ रहती थीं। लेकिन शादी के 6 साल बाद उनकी जिंदगी में रॉनी नाम के शख्स की एंट्री होती है।

46 साल के रॉनी ट्रेनर निकोल के साथ ही काम करते थे. इसी दरम्यान निकोल को उनसे प्यार हो गया। उन्होंने ये बात अपने पति रयान को बताई और उन्हें Polygamy रिलेशन में रहने के लिए राजी कर लिया। जिसके बाद निकोल, रॉनी और रयान तीनों एक साथ रहने लगे।

निकोल कहती हैं कि वह हमेशा से Polygamy रिलेशन में रहना चाहती थीं। रयान की भी इसमें दिलचस्पी थी।

 ऐसे में जब पिछले साल उनकी जिंदगी में रॉनी की एंट्री हुई तो उन तीनों ने साथ रहने का फैसला कर लिया।  रॉनी भी Polygamy रिलेशन को सपोर्ट करते हैं।

निकोल का कहना है कि अब वो रयान, रॉनी और अपने दो बच्चों के साथ एक ही छत के नीचे रहती हैं। रॉनी उनके बच्चों का पूरा ख्याल रखते हैं। 

बकौल साराह निकोल- 'मुझे नहीं पता था कि रॉनी भी Polygamy समर्थक है, जब तक कि मैं उसके करीब नहीं गई। जैसे ही मुझे पता चला मैंने तुरंत उनसे डेट पर चलने के लिए कहा. बहुत जल्द हमें एक-दूसरे से प्यार हो गया।

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति से न जाने कितने लोगों की ज़िंदगी बदली है।

आचार्य कहते हैं अगर आप सफलता अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको अपने मन को काबू करना सीखना होगा।

लेकिन जो शख्स मन को काबू नहीं कर पाता है, वो जीवन में कभी खुद को सफल नहीं कर सकता। आचार्य ने चाणक्य नीति में एक श्लोक के जरिए कहा है। 


अनवस्थित यस्य न जने न वने सुखम्,

जनो दहति संसर्गात् वनं संगविवर्जनात। 

इस श्लोक के जरिए आचार्य ने बताया है कि इंसान की सिर्फ एक गलती उसकी असफलता की वजह बन जाती है और वो गलती है उसके मन का काबू में न होना।

ये एक अवगुण व्यक्ति को तमाम परेशानियों में डाल देता है। इसके कारण उसका मन किसी भी काम में नहीं लगता है।

ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान होने के बावजूद अपने मन को स्थिर न कर पाने के कारण अपनी योग्यता का पूरा लाभ नहीं ले पाता और सक्षम होकर भी वो प्राप्त नहीं करता, जिसका वो हकदार है। ऐसे में वो स्वयं के पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार लेता है।

इसलिए मन को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। अगर आप इस पर नियंत्रण नहीं कर पाए तो आप चाहे कितने ही धनवान क्यों न हों, आपको गलत आदतों का शिकार होने से कोई नहीं रोक पाएगा। इसके कारण आपका जीवन परेशानियों से घिर जाएगा।

आचार्य का कहना था कि जिसका मन कंट्रोल में नहीं होता है, उसका दिल न तो लोगों के बीच लगता है। इसलिए जीवन में सफल होना है, संतुष्ट रहना है तो अपने मन को काबू में जरूर करना सीखें।

नोट: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। today hindi इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है।