इस दिवाली महंगाई पर भारी पड़ी खुशियां, जमकर जारी है खरीदारी!

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इस दिवाली महंगाई पर भारी पड़ी खुशियां, जमकर जारी है खरीदारी!

इस दिवाली जमकर खरीदारी के मूड में ग्राहक, जानिए क्या कहता है सर्वे?
 

मौजूदा त्योहारी में होने वाली बिक्री से उपभोक्ता वस्तु उद्योग में खुशी की लहर है। चारों तरफ से आ रहे शुरुआती रुझान सेल में बढ़ोतरी के संकेत दे रहे हैं।

व्यापारी संगठन कैट को उम्मीद है कि इस दौरान बिक्री तथा सेवाओं से बाजार में 2.5 लाख करोड़ रुपये आएंगे।

 परंपरागत बाजारों और ई-कॉमर्स माध्यमों से टीवी, घरेलू उपकरण, एफएमसीजी खाद्य और गैर-खाद्य वस्तुओं, परिधान जैसे उत्पादों की बिक्री में पिछले साल के त्योहारी सत्र की तुलना में लगभग 8-10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 

रुझानों के मुताबिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति की चिंताओं के बावजूद खर्च करने को तैयार हैं। त्योहारी सत्र की बिक्री ओणम से शुरू होती है और दुर्गा पूजा, दशहरा से होते हुए दिवाली तक चलती है।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) को उम्मीद है कि मौजूदा त्योहारी सत्र के दौरान ”वस्तुओं की बिक्री और सेवाओं के उपयोग के जरिए बाजारों में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये आएंगे।”


व्यापारी संगठन ने कहा कि हाल में महंगाई भत्ते (डीए) में हुई चार प्रतिशत की बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के 41.8 लाख कर्मचारियों और 69.7 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

इसके अलावा अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलने से भी उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी होगी।

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ”निश्चित रूप से इससे बाजार और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। सरकार के इन दो फैसलों से अर्थव्यवस्था में हजारों करोड़ रुपये आएंगे।”


कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) के मुताबिक नवरात्रि के बाद बिक्री में तेजी आई है और दिवाली के करीब यह अपने चरम पर पहुंच जाएगी।

सीईएएमए ने कहा कि एलईडी टीवी, वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर की बिक्री में अच्छी तेजी देखी जा रही है।

सीईएएमए के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने कहा, ”खुदरा बिक्री में तेजी आई है. हम उद्योग के लिए मात्रा में 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि और मूल्य के आधार पर 25 से 30 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।”

डाबर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (बिक्री) आदर्श शर्मा ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि त्योहारी सत्र के आगे बढ़ने के साथ उपभोक्ता भावनाओं में सुधार होगा। खाद्य और पेय पदार्थ तथा व्यक्तिगत देखभाल खंड में खासतौर से तेजी की उम्मीद है।

बिकानो के निदेशक मनीष अग्रवाल ने कहा कि बिक्री में पहले ही वृद्धि देखने को मिल रही है और ये रुझान दिवाली तक जारी रहेंगे।

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अब आप भी शुरू करें इस पेड़ की खेती, बस थोड़ी मेहनत और मामूली खर्च में बन जाएंगे करोडपति!

अगर आप भी करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं और इसे आसानी से पूरा करने की सोच रहे हैं, तो आपका सपना स्मार्ट खेती के जरिए पूरा हो सकता है। इसके लिए ज्यादा मेहनत और भारी खर्च की भी जरूरत नहीं होती।

लेकिन हां, आपको थोड़ा सब जरूर करना होगा। आपने ये तो सुना ही होगी प्रोडक्ट की ज्यादा डिमांड हो, लेकिन सप्लाई कम हो तो उसकी कीमत ज्यादा होती है। ऐसा ही एक पौधा है, जिसकी डिमांड हमारे देश में ज्यादा है, लेकिन उपलब्धता बेहद कम है।

देश-विदेश में सागवान की मांग

देश हो या विदेश दोनों जगहों पर सागवान की लकड़ी से बने फर्नीचर अच्छी मांग है। इसका इस्तेमाल घर और ऑफिस दोनों जगहों पर होता है। लेकिन जरूरत के हिसाब से सागवान की लकड़ियों की मांग पूरी नहीं हो पाती।

नतीजतन, सागौन की लकड़ी की कीमतें बहुत ज्यादा है। सागवान को इमारती लकड़ी का राजा भी कहा जाता है। हालांकि, कमर्शियल जरूरतों के लिए अच्छी किस्म के सागौन की लकड़ी की मांग ज्यादा होती है।

अच्छी किस्म के सागवान में बंपर कमाई

दुनियाभर में सागवान की लकड़ी डिमांड खूब है, लेकिन उत्पादन कम। ऐसे में अवसर का सही इस्तेमाल करते हुए सागौन की खेती से आप भी पैसा कमा सकते हैं।

हालांकि, इसके लिए करीब 14 या 15 साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है। सागवान की खेती में अच्छी सिंचाई, उपजाऊ मिट्टी और वैज्ञानिक मैनेजमेंट जरिए अच्छी किस्म की लकड़ी तैयार की जाती है। 

एक्सपर्ट के मुताबिक एक एकड़ में अच्छी किस्म के करीब 400 पेड़ तैयार किए जा सकते हैं। पौधा लगाते समय एक दूसरे के बीच 9/12 फुट का अंतराल रखना चाहिए।

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भारत में सागवान के प्रकार :

नीलांबर ( मालाबार) सागवान

दक्षिणी और मध्य अमेरिकी सागवान

पश्चिमी अफ्रीकन सागवान

आदिलाबाद सागवान

गोदावरी सागवान

कोन्नी सागवान

सागवान की उपज 

अगर आप सागवान की खेती करना चाहते हैं, तो आपको करीब ढेड़ दशक यानी 14 या 15 साल तक का सब्र चाहिए। क्योंकि एक सागवान का पेड़ 14 साल के दौरान 10 से 15 क्यूबिक फीट लकड़ी देता है। सामान्य तौर पर सागवान का मुख्य तना 30 फीट ऊंचा और करीब 40-45 इंट मोटा होता है।

सागवान की सबसे अच्छी पैदावार के लिए जलोढ़ मिट्टी में खेती करनी चाहिए। अच्छी खेती के लिए मिट्टी में चूना पत्थर, शीष्ट, शैल, भूसी और कुछ ज्वालामुखीय चट्टानें जैसे कि बैसाल्ट मिली होनी चाहिए। पौधों की रोपाई मानसून की शुरुआत से पहले होती है।


सागवान की खेती के फायदे 

सागवान का पेड़ 12 से 15 साल में काटने लायक हो जाता है।

किसान चाहें तो इससे और समय तक लगाए रख सकते हैं।

एक एकड़ खेत में 400 पौधे लगाए जा सकते हैं।

 इन पेड़ों को लगाने और पालन-पोषण में 4 से 5 हजार तक की लागत आती है।

15 साल के बाद में एक पेड़ कम से कम 35 से 40 हजार रुपए में आसानी से बिक जाता है।

इस हिसाब से किसान 15 साल के इंतजार के बाद प्रति एकड़ करीब 1. 2 करोड़ की कमाई कर सकते हैं।

 इस तरह इसकी खेती करने वाले किसान कुछ ही सालों में लखपति और करोड़पति बन सकते हैं।

सागवान के पेड़ से कितनी कमाई :

10 से 15 साल के सागवान के पेड़ की कीमत लगभग 30 से 40 हजार रुपए तक होती है। अगर पेड़ 15 साल से ज्यादा पूराना है तो इसकी कीमत और ज्यादा मिलेगी। क्योंकि ज्यादा पुराने पेड़ों की कीमत ज्यादा होती है। ऐसे में प्रति एकड़ से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की जा सकती है।

एक एकड़ में अगर 400 सागवान के पेड़ लगते हैं और 15 साल बाद 1 पेड़ की कीमत औसतन 30 हजार रुपए मिल रहा, तो आपको 1 करोड़ 20 लाख रुपए मिलेंगे।

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