पहले से बहुत बदल गई धर्म और मोक्ष की नगरी काशी, विश्व प्रसिद्ध है महादेव का दरबार
मान्यता है कि यहां आकर गंगा स्नान करने और भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Kashi Vishwanath Temple: काशी को धर्म की नगरी माना जाता है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। बनारस (Banaras) का पुराना नाम काशी (Kashi) है। यहां भगवान भोलेनाथ का मंदिर है, जिसे श्रीकाशी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है।
यह शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। गंगा किनारे स्थापित शिवलिंग का दर्शन करने के लिए हर साल दुनियाभर से लाखों लोग आते हैं। काशी अपनी संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
मान्यता है कि यहां आकर गंगा स्नान करने और भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बनारस अपनी पतली गलियों के लिए भी जाना जाता था। यहां मंदिर तक जाने के लिए पतली और संकरी गालियां थीं, लेकिन अब यहां भव्य कॉरिडोर का निर्माण करा दिया गया है, जिसका एक गेट सीधे मां गांगा के तट से जुड़ गया है।
जाने क्या है काशी विश्वनाथ का इतिहास?
काशी विश्वनाथ मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। यहां कई बार आक्रमण भी हुए। उसके बावजूद आज भी यहां भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना होती है। मंदिर के नए स्वरूप का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने 1780 में करवाया था।
बाद में महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर में 1000 किलोग्राम सोना दान दिया था। काशी में स्थित शिवलिंग को भगवान विश्वेश्वर भी कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ ब्रह्मांड के भगवान।
इस मंदिर में दुनिया की कई हस्तियां दर्शन के लिए आ चुकी हैं। कहा जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए आदि शंकराचार्य, सन्त एकनाथ, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्वामी तुलसीदास भी दर्शन के लिए आए थे।
अगर आप भी श्रीकाशी विश्वनाथ दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो आइए आज हम आपको यहां घूमने लायक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल बताते हैं।
बनारस के घाट:
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में गंगा के घाट दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। जहां दिनभर चहल-पहल बनी रहती है। यहां के सभी घाटों का अपना ऐतिहासिक महत्व है।
यहां का अस्सी घाट अपनी अलग ही छटा दर्शाता है. इसकी खूबरसूरती का आप दीदार कर सकते हैं। यहीं मणिकर्णिका घाट भी है। जहां लोगों का दाहसंस्कार किया जाता है।
आप पैदल या फिर नाव से सभी घाटों की सुंदरता और उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
गंगा आरती:
वाराणसी के गंगा घाटों में शाम को होने वाली आरती विश्व प्रसिद्ध है। यहां शाम में होने वाली भव्य आरती को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। अगर आप भी बनारस जाते हैं तो गंगा आरती जरूर देखें।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय:
वाराणसी का सबसे पुराना विश्वविद्यालय बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) है। यह लगभग 1350 एकड़ में फैला हुआ है।
यह विश्वविद्यालय पूरे एशिया के सबसे बड़े शैक्षिक संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना महामना मदन मोहन मालवीय ने किया था।
सारनाथ:
सारनाथ को बौद्ध तीर्थ स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है।
मान्यता है कि यहीं से गौतम बुद्ध ने सबसे पहले अपने धर्म का उपदेश दिया था।
रामनगर किला और म्यूजियम:
वाराणसी का रामनगर किला और म्यूजियम वाराणसी के तुलसी घाट के पास स्थित है। यहां आपको राजाओं के इतिहास का भंडार देखने को मिलेगा।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। todayhindi.news इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।