अद्भुत है काशी: साल में एक बार ही मिलते हैं काले हनुमान जी के दर्शन, इस दिन खुलेंगे मंदिर के कपाट

Kashi is amazing: Darshan of Black Hanuman ji is seen only once in a year, the doors of the temple will open on this day.
 
अद्भुत है काशी: साल में एक बार ही मिलते हैं काले हनुमान जी के दर्शन, इस दिन खुलेंगे मंदिर के कपाट
रामनगर किले में काले हनुमान जी के दर्शन, कल 27 अक्टूबर दिन शुक्रवार को खुलेंगे मंदिर के कपाट, साल में एक बार ही मिलते हैं काले हनुमान जी के दर्शन

Varanasi News: रामनगर दुर्ग में दक्षिण दिशा की ओर स्थित श्यामवर्ण दक्षिणमुखी हनुमान जी के मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए वर्ष में एक बार ही खोला जाता है। इस बार 27 अक्तूबर को मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। साल में एक बार भोर की आरती वाले दिन श्यामवर्ण हनुमान जी के दर्शन का पुण्य लाभ मिलता है।

मंदिर में केवल हनुमानजी की मूर्ति ही खास नहीं है बल्कि इसकी लोकमान्यताएं भी अचरज में डालती हैं। कहा जाता है कि रामनगर किले के दक्षिणी छोर पर विराजमान श्यामवर्ण हनुमान जी की प्रतिमा पूरे विश्व में अनूठी है।

मान्यता है कि किले के भीतर खोदाई के दौरान मिली इस प्रतिमा को सैकड़ों साल पहले काशीराज परिवार ने किले के ही दक्षिणी छोर में मंदिर निर्माण करके प्रतिस्थापित कराया था। मान्यता है कि इस प्रतिमा का संबंध त्रेतायुग में श्रीराम रावण युद्धकाल से है।

रामेश्वरम में लंका जाने के लिए जब भगवान राम समुद्र से रास्ता मांग रहे थे उस समय समुद्र ने पहले तो उन्हें रास्ता नहीं दिया। इस पर कुपित होकर श्रीराम ने बाण से समुद्र को सुखा देने की चेतावनी दी। इससे भयभीत होकर प्रकट हुए समुद्र ने श्रीराम से माफी मांगी और अनुनय विनय किया। इसके बाद श्रीराम ने प्रत्यंचा पर चढ़ चुके उस बाण को पश्चिम दिशा की ओर छोड़ दिया।

इसी समय बाण के तेज से धरतीवासियों पर कोई मुसीबत न आए, इसके लिए हनुमान जी घुटने के बल बैठ गए, जिससे धरती को डोलने से रोका जा सके। श्रीराम के बाण के कारण हनुमान जी की पूरी देह झुलस गई, जिसके कारण उनका रंग काला पड़ गया। इस मंदिर में प्रतिस्थापित हनुमान जी की प्रतिमा भी श्यामवर्ण में ही है। यह मूर्ति रामनगर किले में जमीन के अंदर कैसे आई, ये किसी को ज्ञात नहीं है।


भोर की आरती कल

रामलीला में बृहस्पतिवार को राज्याभिषेक प्रसंग की झांकी सजेगी। इसके अगले दिन 27 अक्तूबर की भोर राज्याभिषेक की आरती की जाएगी।