Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका, ज्ञानवापी परिसर में जारी रहेगा ASI सर्वे

Gyanvapi Case: Supreme Court rejects Muslim side's plea, ASI survey will continue in Gyanvapi campus
 
Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका, ज्ञानवापी परिसर में जारी रहेगा ASI सर्वे

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने की इजाजत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ दायर मुस्लिम पक्ष की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया बिना तोड़फोड़ वाली पद्धति से संपन्न की जाएगी। शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देश को दोहराते हुए कहा कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खोदाई नहीं होगी।

इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एएसआई के हलफनामे पर ध्यान दिया कि वह अपने सर्वेक्षण के दौरान कोई खोदाई नहीं कर रहा है और दीवार आदि के किसी भी हिस्से को नहीं छुआ जाएगा।

कोर्ट ने पूछा कि उसे इस स्तर पर वैज्ञानिक सर्वेक्षण में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए? अयोध्या मामले में भी ASI ने सर्वेक्षण किया था। एएसआई के सर्वे से दिक्कत क्या है? इस पर मस्जिद पैनल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एएसआई सर्वेक्षण का इरादा इतिहास में यह जानने का है कि 500 साल पहले क्या हुआ था, यह अतीत के घावों को फिर से खोल देगा।

मुस्लिम पक्ष ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख

गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के कुछ घंटे बाद ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील निजाम पाशा ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने मेंशन कर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। इसमें सर्वे पर रोक की मांग की गई थी। हिंदू पक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर बिना उनका पक्ष सुने कोई आदेश न देने का अनुरोध किया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था फैसला

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि सम्मत है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

हाईकोर्ट ने क्या कहा था?

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की याचिका खारिज करते हुए कहा, परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे करवाने का जिला कोर्ट का आदेश न्यायोचित और सही है। इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं है।

एसआई का प्रस्तावित सर्वे न केवल न्याय हित में जरूरी है, बल्कि दोनों पक्षों के लिए लाभकारी भी है। 16 पेज के आदेश में कोर्ट ने कहा, एएसआई के एडीजी आलोक त्रिपाठी, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (एएसजीआई) शशि प्रकाश सिंह ने हलफनामा देकर कहा है कि सर्वे के दौरान ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा। इस दौरान न कोई खोदाई होगी, न ही ड्रिल किया जाएगा। बिना किसी नुकसान के ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया जाएगा। इसके बाद इस कथन पर संदेह करने का कोई औचित्य नहीं है।