वाराणसी में केंद्रीय मंत्री ने हनुमान घाट पर देखी तमिल संगमम की तैयारी

 
वाराणसी में केंद्रीय मंत्री ने हनुमान घाट पर देखी तमिल संगमम की तैयारी
काशी तमिल संगमम वाराणसी में शुरू

वाराणसी। एक महीने तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम् की 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुभारंभ करेंगे। इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय शिक्षा धर्मेंद्र प्रधान गुरुवार की रात को ही यहां पहुंच गए।

वह शुक्रवार को आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सबसे पहले हनुमान घाट पहुंचे। यहां कांची कामकोटी मठ में वे स्वामी सुब्रहम्ण्यम भारती से मिले।

हनुमान घाट पर तमिलनाडु से आने वाले पहले दिन 216 अतिथि दूसरे दिन जाएंगे। यहां कांची कामकोटी मठ में वे स्वामी सुब्रहम्ण्यम भारती से मिलेंगे। यहां पर अतिथि गंगा स्नान भी करेंगे। इसके बाद उन्हें रविदास घाट से क्रूज से काशी के घाटों को देखना है। इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान बीएचयू के एम्फीथिएटर पहुंचेंगे जहां पूरे माह कार्यक्रम चलना है।

वहां दो घंटे रुककर उद्घाटन स्थल, मेला, आने वाले अतिथियों के रुकने के स्थान, उनके दर्शन-पूजन आदि की व्यवस्था देखेंगे। आज रात को डेढ़ बजे तमिलनाडु से आने वाले 216 अतिथियों का दल बनारस स्टेशन पहुंचेगा।

पहले दिन के दल में तमिलनाडू के आठ मठों में धमार्चार्य भी रहेंगे। ये धमार्चार्य बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।

उनका स्टेशन पर पुष्प वर्षा और डमरू वादन से स्वागत किया जाएगा। स्वागत के लिए कई स्थानीय मंत्री आदि भी मौजूद रहेंगे।

तमिल संगमम में आने वाले अतिथियों को काशी भ्रमण में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए 60 गाइडों को तैयार किया जाएगा। पर्यटन विभाग की ओर से इन गाइडों को बकायदा तमिल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

पर्यटन स्थलों को लेकर सामान्य जानकारी व आमतौर पर प्रयोग में आने वाले शब्दों की समझ पर फोकस होगा। प्रयास है कि गाइडों को तमिल की इतनी समझ हो जिसे वह कम से कम टूटी-फूटी भाषा में बोल सकें।

बनारस में तमिल बोलने व समझने वाले लोगों का सहयोग लिया जाएगा। इस बारे में गाइडों को जानकारी दी जा रही है। संगमम का मुख्य आयोजन बीएचयू के एम्फी थिएटर हो रहा है।

प्रधानमंत्री के 19 नवंबर को उद्घाटन करेंगे। इसके बाद 20 नवंबर कोई भी आम नागरिक वहां चलने वाली प्रदर्शनी और शाम को होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए जा सकता है। सबके लिए आयोजन स्थल खुला रहेगा।