पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने विभागीय टीम के साथ राजनगर, मधुबनी का किया निरीक्षण

राजघराने के साथ विभागीय समन्वय के उपरांत वास्तुविद करेंगे राजनगर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम
मधुबनी जिले में पर्यटन के विकास के परिप्रेक्ष्य में आज का दिन अति महत्वपूर्ण रहा। सचिव, पर्यटन विभाग बिहार सरकार अभय कुमार सिंह द्वारा आज जिले में पर्यटन की संभावनाओं को लेकर कई जगहों का दौरा किया गया जिसमें मिथिला हाट, अररिया संग्राम के साथ साथ राजनगर का राज परिसर, जितवारपुर ग्राम और मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ शामिल है।
बताते चलें कि उनका जिले में उनका आगमन शुक्रवार देर शाम को ही हो गया था। उन्होंने जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के साथ जिले में पर्यटन की संभावनाओं के मद्देनजर संक्षित परंतु सारगर्भित बैठक भी की।
रविवार पूर्वाहन वे सबसे पहले मंत्री जल संसाधन विभाग सह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग संजय झा के साथ सचिव महोदय द्वारा मिथिला हाट में स्थानीय लोक परपरा को प्रतिबिंबित करती हुई मिथिला लोक कला और भोजन से सुसज्जतित भानस घर का उद्घाटन किया गया। जहां उन्होंने स्थानीय भोजन शैली परंपरा के अनुरूप पीढ़ी पर बैठकर मंत्री के साथ मरुआ और मकई की रोटी और साग आदि का स्वाद चखा। उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री के दिशाबोध से पर्यटन विभाग को मिथिला हाट के विकास में आवश्यक सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने इसे समूचे क्षेत्र के लिए एक अतिविशिष्ट पर्यटन स्थल के रूप में आगे भी विकसित किए जाने का संकल्प व्यक्त किया।
गौरतलब हो कि राजनगर, मधुबनी को राज्य की सांस्कृतिक विरासत पर्यटन स्थली बनाने की संभावनाओं को लेकर पर्यटन विभाग ने काम शुरू कर दिया है। रविवार को पर्यटन सचिव श्री अभय कुमार सिंह ने विभागीय टीम के साथ राजनगर, मधुबनी का निरीक्षण किया और इस संबंध में दरभंगा राजघराने के वारिस कपिलेश्वर सिंह और सभी संबंधित जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक भी की। बैठक में विभागीय सचिव श्री अभय कुमार सिंह ने कहा कि राजनगर को हम राज्य के सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन स्थल बनाने को लेकर किस प्रकार कार्य शुरू करें, इसे लेकर पर्यटन विभाग ने यह पहल शुरू की है। उन्होंने बताया कि राजनगर को बिहार की विरासत और गर्व के प्रतीक के तौर पर पूरे देश में प्रोजेक्ट किया जा सकता है। यहां ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट कैसे आएं और बेसिक सुविधाओं का यहां पर किस तरह विकास हो। इसको लेकर पर्यटन विभाग राजघराने के साथ एक समन्वय स्थापित कर इस दिशा में आगे बढ़ना चाहता है। यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा सकता है, पूरे राजनगर पैलेस की बाहरी हिस्से की मरम्मत और सफाई के उपरांत उसकी फसाड लाइटिंग की जा सकती है और यहां पर रेस्टोरेंट/कैफिटेरिया, साउंड एंड लाइट शो जैसे आकर्षण के साथ अन्य पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किया जाए। दरभंगा राजघराने के वारिस कपिलेश्वर सिंह ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि इसे पर्यटन विभाग विकसित करे, हम विभाग की पहल को लेकर उत्साहित हैं। राजघराने के साथ विभागीय समन्वय के उपरांत वास्तुविद राजनगर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम शुरू करेंगे।
जितवारपुर को मॉडल मधुबनी पेंटिंग विलेज बनाने की कार्ययोजना
इसके उपरांत पर्यटन सचिव मिथिला चित्रकारों के गांव जितवारपुर पहुंचे और कलाकारों के साथ स्थानीय लोगों से बात की। इसके बाद गांव का भ्रमण किया। सचिव ने बताया कि पर्यटन विभाग जितवारपुर को मॉडल मधुबनी विलेज बनाने की कार्ययोजना पर काम कर रहा है। इसके तहत उन्होंने गांव के 3 पद्म अवार्डी के घरों का ब्यूटीफिकेशन के साथ गांव में जितने घर हैं, सभी पर एक वॉल पेंटिंग अनिवार्य रूप से कराने, जितवारपुर मिथिला चित्रकला भवन का जीर्णोद्धार, भवन की विशेष पेंटिंग, बाउंड्री, सेल काउंटर/आर्ट गैलरी/इम्पोरियम और गांव के ब्यूटीफिकेशन की योजना पर काम शुरू कर इसकी विस्तृत रिपोर्ट देने के निदेश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए। इस हेतु गांव में 18 कट्ठे की जमीन का प्रयोग करने हेतु योजना भी बनाने के निदेश दिए गए। गांव के सभी कलाकारों के ग्रुप्स से मिथिला चित्रकला संस्थान को जोड़ने के निदेश दिए। मौके पर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री नंदकिशोर, महाप्रबंधक सह वरीय परियोजना पदाधिकारी पर्यटन विभाग अभिजीत कुमार के साथ मधुबनी जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के सभी वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।