Cyclone Sitrang: बस 12 घंटे और! फिर तबाही मचाएगा चक्रवाती तूफान, चेतावनी जारी...

'सितरंग' तूफान के कारण हाई अलर्ट पर बंगाल-ओडिशा

 
Cyclone Sitrang: बस 12 घंटे और! फिर तबाही मचाएगा चक्रवाती तूफान, चेतावनी जारी...
तेजी से आगे बढ़ रहा चक्रवात 'सितरंग'

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र रविवार देर रात यानी 12 घंटे के भीतर चक्रवात में तब्दील हो सकता है, जिससे पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी बारिश होने और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि रविवार की सुबह सागर द्वीप के दक्षिण में 700 किमी दूर मौजूद मौसम स्थिति उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रही है और सोमवार को इसके फिर से उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर लौटने तथा टिंकोना द्वीप और सैंडविप के रास्ते बांग्लादेश तट को पार करने का अनुमान है। इस चक्रवात के 25 अक्तूबर को गहरे चक्रवात में बदल जाने की संभावना है।

मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि सोमवार को तटीय जिलों-दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में भारी से बहुत भारी तथा पूर्वी व पश्चिमी मिदनापुर में भारी बारिश होने का अनुमान है।

वहीं, कोलकाता, हावड़ा और हुगली में सोमवार और मंगलवार को मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है।


इस मौसम स्थिति के चलते मंगलवार को बंगाल के तटीय जिलों-उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना में 80-90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है, जो 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार भी पकड़ सकती हैं।

इन जिलों और पूर्वी मिदनापुर में सोमवार को 45-55 किमी प्रति घंटे से लेकर 65 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

बता दें कि वर्ष 2018 के बाद यह पहला चक्रवात है, जो अक्तूबर के महीने में बनेगा। यह नीचे से उत्तरी बंगाल की खाड़ी की तरफ जाएगा। इस चक्रवात का नाम ‘शीतरंग’रखा गया है। यह नाम थाईलैंड का दिया हुआ है।

ओडिशा के आठ जिलों  के लिए अलर्ट जारी


भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग के क्षेत्रीय केंद्र ने पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालेश्वर, मयूरभंज, जाजपुर, क्योंझर, कटक और खुर्दा जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने कहा, हमने आठ जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। राज्य इस चुनौती से निपटने को तैयार है।

इस बीच, ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी वर्षा के पूर्वानुमान के बाद राज्य सरकार उससे निपटने की तैयारियों में जुट गई है।

मौसम विभाग ने मछुआरों को शनिवार को मध्य बंगाल की खाड़ी और गहरे समुद्र क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है। साथ ही 23 से 26 अक्तूबर के बीच उन्हें ओडिशा तट और पश्चिम-मध्य व उत्तरी बंगाल की खाड़ी में जाने से मना किया है।  

इधर, संभावित खतरे के मद्देनजर ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने तटीय इलाकों को खाली करा लिया है और आपदा प्रबंधन यूनिट को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

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देश में मानसून की विदाई हो चुकी है लेकिन बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर चक्रवात सक्रिय हो रहा है और इस कारण से देश के कई राज्य में फिर मौसम में बदलाव हो सकता है।

दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी-बिहार तक के इलाकों को भारी बारिश से राहत मिल चुकी है लेकिन कुछ राज्यों में आने वाले 24 घंटे में फिर बारिश हो सकती है। महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक और केरल में बारिश का दौर जारी है।

मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की पूरी संभावना है और ऐसे में आने वाले दो से तीन दिन में इसका असर देखने को मिल सकता है। अगले 36 घंटे के अंदर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पूर्व मध्य भाग के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।

22 अक्टूबर की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य में यह दबाव का क्षेत्र बन सकता है, जिससे सीमावर्ती राज्यों में बारिश शुरू हो सकती है।

ओडिशा सरकार ने जारी किया अलर्ट


मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने जानकारी दी है कि कम दबाव के क्षेत्र के तूफान का रूप लेने के आसार हैं। चक्रवात की तीव्रता और मार्ग के बारे में कोई पूर्वानुमान अभी जारी नहीं किया गया है।

हालांकि ओडिशा सरकार ने इस पूर्वानुमान के मद्देनजर 23 से 25 अक्टूबर के बीच सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द करने का फैसला किया है और सीमावर्ती जिलों में अलर्ट जारी किया है।

इन राज्यों में हो सकती है बारिश


मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात बनने के बाद बंगाल से सटे राज्यों जैसे झारखंड, बिहार से लेकर ओडिशा में बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो सकता है। साथ ही यह भी संभावना है कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा और पूरे पश्चिम बंगाल के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी हो सकती है।

इसके अलावा मौसम में बारे में ताजा अपडेट देने वाली निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा है कि बुधवार को भी दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, नागालैंड और केरल में हल्की बारिश हो सकती है।

बंगाल की खाड़ी में बन रहा है भीषण चक्रवात


पूर्वी भारत के तटीय इलाकों में एक बार फिर आफत की बारिश का खतरा मंडराने लगा है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है और इस सप्ताह के अंत तक यह चक्रवात में बदल सकता है।

IMD के मुताबिक, अगले 48 घंटे के अंदर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम और उससे सटे पूर्व मध्य भाग के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और जल्द ही इसके चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार हैं।

वैसे मौसम विभाग ने इसकी तीव्रता और मार्ग के बारे में कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया है। लेकिन आशंकाओं के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने 23 से 25 अक्टूबर के बीच सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही राज्य ने तटीय जिलों को अलर्ट पर रखा है।

18 से 21 अक्टूबर के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।

अगले तीन दिनों में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में बारिश और बर्फबारी की भी आशंका है।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों में दक्षिण-पश्चिम मानसून विदर्भ, छत्तीसगढ़, आंतरिक महाराष्ट्र, झारखंड, आंतरिक ओडिशा के कुछ हिस्सों और पूरे पश्चिम बंगाल से वापस आ जाएगा।

महाराष्ट्र में बारिश से बढ़ी परेशानी


उधर, महाराष्ट्र में लौटते मानसून का असर अभी भी दिख रहा है। पुणे शहर में सोमवार से मंगलवार सुबह तक लगातार बारिश हुई। इसकी वजह से कई इलाकों में जलभराव हो गया।

हालत ये हो गई कि निचले इलाकों और करहा नदी के किनारे रहने वाले कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

IMD के अनुसार, पुणे के शिवाजीनगर में मंगलवार तड़के तीन बजे तक 5 घंटे के दौरान 104 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि इसी अवधि के दौरान मगरपट्टा में 116 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

अनुमान है कि मंगलवार को भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। बुधवार से बारिश की गतिविधि कम हो जाएगी।

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