श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन
सर्वकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना के साथ सावन के सातवें सोमवार पर लाखों शिवभक्तों ने बाबा के दरबार में शीश नवाए। श्री काशी विश्वनाथ ने श्रद्धालुओं को अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन दिए। बाबा के ये स्वरूप देख श्रद्धालु गदगद हुए। बाबा की शयन आरती तक दर्शन और जलाभिषेक का क्रम चलता रहा।
शाम तक साढ़े पांच लाख भक्तों ने दर्शन किए। भोर में मंगला आरती के बाद रात से ही कतार में लगे भक्त हर हर महादेव के साथ दर्शन करने लगे। इस दौरान मंदिर प्रबंधन की ओर से पुष्पवर्षा की गई।
सावन में अब तक करीब 50 दिनों में 1 करोड़ 34 से ज्यादा शिवभक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया है। वहीं, सावन के 7वें सोमवार को 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मंदिर में मत्था टेका।
शिव पुराण और नारद पुराण के अनुसार, महादेव और माता पार्वती अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में न आए होते तो धरती पर जीवन नहीं हो पाता। इस श्रृंगार में आधा हिस्सा काशी विश्वनाथ का और आधा माता पार्वती का है। कहा जाता है कि भगवान शंकर इस स्वरूप के माध्यम से यह भी बताना चाहते थे कि स्त्री और पुरुष एक समान होते हैं।