Guru Purnima 2023: आखिर कब है गुरु पूर्णिमा, इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने के क्या हैं लाभ?

Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है और इस बार यह तिथि 3 जुलाई को है। इसे आषाढ़ पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ई. पूर्व हुआ था, इसलिए उनके प्रति सच्ची श्रद्धा प्रकट करने के लिए हर साल आषाढ़ पूर्णिमा को उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
माना जाता है कि इसी दिन व्यासजी ने अपने शिष्यों को भागवतपुराण का ज्ञान दिया था, इसलिए यह दिन व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने की मान्यता काफी समय से चली आ रही है। इसे सुनने से आपके कष्ट दूर होते हैं और घर में आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।
आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुरु वेद व्यासजी को भगवान विष्णु का अंश माना गया है। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर उनकी पूजा की जाती है और उनके रूप माने जाने वाले सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है। विष्णु पुराण में भी यह बताया गया है कि पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथियों में से एक है।
अगर आपके घर में काफी समय से आर्थिक तंगी चल रही है या फिर कारोबार में सफलता नहीं मिल रही है तो प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से आपको विशेष लाभ होगा और आपके घर में धन की वृद्धि होगी। इसके अलावा नौकरी में यदि काफी समय से परेशानी चल रही है तो उसमें भी लाभ होगा।
गुरु पूर्णिमा की पूजाविधि
गुरु पूर्णिमा पर यदि आप किसी कारणवश सत्यनारायण भगवान की कथा नहीं कर पा रहे हैं तो सामान्य विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होगी। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी, धूप, दीप, गंध, पुष्प और पीले फल चढ़ाएं और श्रीहरि का स्मरण करें और मनोकामना याद करें।
भक्ति भाव के साथ पूजा करनी चाहिए। पूजा के उपरांत भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाएं और प्रणाम करें। भोग को प्रसाद स्वरूप सभी लोगों में वितरित कर दें।
गुरु पूर्णिमा 2023 तिथि (Guru Purnima 2023 Tithi)
हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष 2 जुलाई को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी, जिसका समापन 3 जुलाई को रात 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई को मनाया जाएगा।
स्नान मुहूर्त - सुबह 04.07 - सुबह 04.47
अमृत (सर्वोत्तम) - सुबह 05.27 - सुबह 07.12
शुभ (उत्तम) - सुबह 08.56 - सुबह 10.41
गुरु पूर्णिमा 2023 राशि अनुसार मंत्र
मेष राशि - ॐ अव्ययाय नम:
वृषभ राशि - ॐ जीवाय नम:
मिथुन राशि - ॐ धीवराय नम:
कर्क राशि - ॐ वरिष्ठाय नम:
सिंह राशि - ॐ स्वर्णकायाय नम:
कन्या राशि - ॐ हरये नम:
तुला राशि - ॐ विविक्ताय नम:
वृश्चिक राशि - ॐ जीवाय नम:
धनु राशि- ॐ जेत्रे नम:
मकर राशि - ॐ गुणिने नम:
कुंभ राशि - ॐ धीवराय नम:
मीन राशि - ॐ दयासाराय नम:
राशि अनुसार दान
मेष राशि - गुरु पूर्णिमा पर मेष राशि वाले गुरुजन का आशीर्वाद लें और किसी गरीब को लाल या पीले रंग के वस्त्र का दान करें। इससे मान सम्मान में वृद्धि होगी।
वृषभ राशि - इस राशि के लोग गीता का पाठ करें और जरुरतमंद बच्चों में किताबें दान करें. ये उपाय धन लाभ देगा।
मिथुन राशि - गुरु पूर्णिमा पर मिथुन राशि वाले गौशाला में धन का दान दें। गाय दान भी श्रेष्ठ माना जाता है। इससे तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
कर्क राशि - कर्क राशि वालें इस दिन विष्णु जी के निमित्त हवन करें और संतान प्राप्ति के लिए कन्याओं को खीर का दान करें।
सिंह राशि - सिंह राशि वालों को गुरु पूर्णिमा पर पीतल का दान करना चाहिए, इससे दरिद्रता दूर होती है।
कन्या राशि - कन्या राशि के लोग गुरु पूर्णिमा पर अनाथ बच्चों के साथ समय बिताएं और अपना ज्ञान साझा करें। उन्हें दान में कुछ पुस्तकें भेंट करें।
तुला राशि- गुरु पूर्णिमा पर तुला राशि के लोग श्रीहरि को केसर चढ़ाएं और केला दान करें। ये उपाय मां लक्ष्मी को आकर्षित करेगा।
वृश्चिक राशि - गरीबों को भोजन कराएं या वस्त्रों का दान करें।
धनु राशि - गुरु पूर्णिमा के दिन धनु राशि वालों मंदिर में चने का दान चाहिए, इससे घर की सुख शांति बनी रहती है।
मकर राशि - मकर राशि के लोग गुरु पूर्णिमा पर जूते-चप्पल और छाते का दान करें. ये उपाय तनाव से मुक्ति दिलाएगा।
कुंभ राशि - कुंभ राशि के लोग गुरु पूर्णिमा पर पिता की सेवा करें, उनके साथ समय बिताएं और उनकी प्रिय वस्तु भेंट करें। ये सौभाग्य में वृद्धि करेगा।
मीन राशि - गुरु पूर्णिमा पर वृद्धाश्रम में श्रद्धानुसार कपड़े दान करने से मीन राशि वालों के कष्ट दूर होंगे।
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