Chandra Grahan 2023: लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, आखिर इस दिन क्या खास करते हैं मुसलमान?

Chandra Grahan 2023: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 यानी शुक्रवार को लगने वाला है। इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है, जिसके मौके पर लाखों-करोड़ों हिंदू हर साल गंगा स्नान करके पुण्य लाभ हासिल करते हैं।

 
Chandra Grahan 2023: लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, आखिर इस दिन क्या खास करते हैं मुसलमान?

Chandra Grahan 2023: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 यानी शुक्रवार को लगने वाला है। इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है, जिसके मौके पर लाखों-करोड़ों हिंदू हर साल गंगा स्नान करके पुण्य लाभ हासिल करते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने का यह योग 130 साल बाद बन रहा है। जब भी चंद्र ग्रहण लगता है तो सनातन धर्म में कई कार्यों को करने में करने में सजगता बरती जाती है। लेकिन वहीं मुसलमान ऐसे में क्या करते हैं। क्या उनके लिए भी इस्लाम में चंद्र ग्रहण पर कोई नियम बताए गए हैं या फिर वे रोजाना की तरह नॉर्मल जिंदगी जीते हैं।

 आज हम आपके ऐसे ही सवालों का जवाब देने जा रहे हैं।

इस्लाम मजहब की शुरुआत करने वाले पैगंबर मोहम्मद के मुताबिक सूर्य और चंद्रमा, अल्लाह की ओर से इंसानों को भेजी गई दो निशानियां हैं।

पैगंबर कहते हैं कि जब भी चंद्रह ग्रहण (Lunar Eclipse 2023 and Muslims) लगे और कोई गलती से कोई मुसलमान उसे देख ले तो उसे घर पर नहीं रुकना चाहिए। इसके बजाय उसे तुरंत मस्जिद की ओर कूच करना चाहिए और वहां पर तब तक नमाज पढ़नी चाहिए, जब तक कि ग्रहण खत्म न हो जाए। 

चंद्र ग्रहण पर पढ़ी जाती है 'सलात अल कुसूफ' की नमाज

चंद्र ग्रहण के दौरान पढ़े जाने वाली इस नमाज (Lunar Eclipse 2023 and Muslims) को इस्लाम में 'सलात अल कुसूफ' कहा जाता है। यह नमाज दिन में पांच बार पढ़ी जाने वाली बाकी नमाजों से अलग और बहुत लंबी होती है। 

इस विशेष नमाज के दौरान नमाजी का चेहरा काबा की ओर होना चाहिए। दावा है कि ऐसा न होने पर अल्लाह इस नमाज को कबूल नहीं करते। 

'सलात अल कुसूफ' के दौरान नमाजी को जमीन पर माथा टेककर अल्लाह की शक्तियों और उसके अहसानों को याद करते हैं। वे अल्लाह से दुआ (Lunar Eclipse 2023 and Muslims) मांगते हैं कि वह उन पर अपनी रहमत बख्शे और सभी मुसलमानों के संकट दूर करें।

मोहम्मद पैगंबर के फरमान के मुताबिक चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष नमाज पढ़ना सभी मुसलमानों के लिए जरूरी नहीं है। इस दौरान केवल उन्हीं मुसलमानों को नमाज पढ़नी चाहिए, जिनकी नजर उस दिन गलती से चंद्रमा पर पड़ गई हो।

चंद्र ग्रहण में हुई थी पैगंबर के बेटे की मौत!

इस्लाम की मान्यता के मुताबिक पैगंबर मोहम्मद के बेटे इब्राहिम की मौत चंद्र ग्रहण के दौरान ही हुई थी। इसलिए इस ग्रहण को इस्लाम में अशुभ माना जाता है।

 इस दौरान अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा की जाती है और किसी भी तरह के बुरे अंजामों से बचाने की गुहार की जाती है। सभी तो नहीं लेकिन कुछ देशों में चंद्र ग्रहण के दौरान नमाज को पढ़ना जरूरी माना जाता है।