धनतेरस पर काशीवासी करेंगे माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन

धनतेरस पर्व पर स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा के दर्शन से धन धान्य की कमी नहीं होती

 
धनतेरस पर काशीवासी करेंगे माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन
धनतेरस पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन की तैयारियां शुरू

वाराणसी। हर वर्ष की तरह इस वर्ष की भी धन-धान्य की देवी मां अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी दर्शन धनतेरस के अवसर पर आगामी 23 अक्टूबर से 26 अक्टूबर अन्नकूट पर्व तक चलेगा।

गुरुवार को बांसफाटक स्थित श्रीकाशी अन्नपूर्णा अन्नक्षेत्र ट्रस्ट के दुसरीं शाखा के सभागार में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान काशी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि धनतेरस 23 अक्टूबर से स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के 3 दिवसीय दर्शन के लिए मां का दरबार खुलेगा।

धनतेरस पर काशीवासी करेंगे माता अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन

उन्होंने बताया कि भक्त मन्दिर के प्रथम तल पर स्थित माता के दर्शन करेंगे। गेट पर ही माता का खजाना और लावा वितरण भक्तों में किया जाएगा। दर्शन के बाद भक्तों को पीछे के रास्ते से राम मंदिर परिसर होते कालिका गली से निकास दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर में जगह-जगह वालेंटियर तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि परिसर में दो दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मेडिकल की व्यवस्था की भी रहेगी।

स्वर्णमयी माँ अन्नपूर्णा का छोटी दीपावली से अन्नकूट पर्व तक के दर्शन भोर में 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक होगा। वीआईपी समय शाम 5 से 7 रहेगा। वृद्ध और दिव्यांगों के लिए दर्शन की सुगम व्यवस्था रहेगी। मन्दिर परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे।

महंत शंकरपुरी ने बताया की पूरे भारत में काशी में स्थित मां का ही एक ऐसा दरबार है जहां मां का खजाना भक्तों में निः शुल्क वितरित किया जाता है।

इस वर्ष मां के खजाने के साथ चांदी, तांबे और अष्टधातु के सिक्के भी निःशुल्क बांटे जाएंगे। उन्होंने बताया की वितरण के लिए 30 किलो चांदी का सिक्का मंगाया गया है।

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वाराणसी। धर्मनगरी काशी में इस बार दीपावली के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव (Annakut festival) मनाया जाएगा, दीपावली के अगले दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण के कारण ऐसा संयोग बन रहा है।

ज्योतिषियों की मानें तो करीब 27 वर्ष बाद इस साल यह परंपरा टूटने वाली है, जब दीपावली के तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी।

25 अक्‍टूबर को मंदिर के कपाट बंद होने के बाद ही लड्डुओं का मंदिर बनेगा। दरअसल, इस साल दीपावली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्यग्रहण लग रहा है, जिसका प्रभाव भारत पर भी पड़ रहा है।

काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 29 मिनट पर सूर्यग्रहण स्पर्श होगा।  ग्रहण का मध्यकाल सुबह 5 बजकर 14 मिनट और मोक्ष शाम 5 बजकर 42 मिनट पर होगा।

 सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले सूतककाल की शुरुआत होती है। सूतककाल में तमाम देवालय बंद होते हैं। जिसके कारण इस बार देवालयों में दीपावली के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा।

परंपराओं के मुताबिक, वाराणसी में अन्नकूट महोत्सव बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन वाराणसी के सभी छोटे-बड़े देवालय 56 व्यंजनों से सजाए जाते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और अन्नपूर्णा मंदिर (Annapurna Devi) में यह आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है। लेकिन इस बार सूर्यग्रहण के कारण ये महोत्सव 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

बताते चलें कि अन्नकूट महोत्सव की झांकी देखने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा अन्नपूर्णा मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होती है।

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