Diwali 2022: शुभ दीपावली आज, गणेश व सरस्वती के बिना अधूरा होता है लक्ष्मी पूजन, जानें पूजा विधि, मंत्र और महत्व
आज है दिवाली, जानें लक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए सबसे बढ़िया मुहूर्त और पूजन विधि

Diwali 2022: कोरोना काल के दो साल घरों में बिताने के बाद इस बार देश भर में दिवाली को लेकर शानदार माहौल है। बाजार सजे हुए हैं, घरों में सजावट शुरू हो गई है। लोग माता लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं।
दिवाली की रात वैसे तो माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है लेकिन माता की पूजा के साथ गणपति और मां सरस्वती की पूजा भी साथ में की जाती है।
धार्मिक मान्यता है कि तीनों की एक साथ पूजा करने पर ही श्री लक्ष्मी की पूजा सफल मानी जाती है। इसके पीछे कई ज्योतिषिय और धार्मिक कारण हैं।
गणपति और मां सरस्वती के साथ मां लक्ष्मी मिलकर ही बनाती हैं श्री लक्ष्मी
ज्योतिष के अनुसार श्री मां लक्ष्मी का नाम और धन-वैभव का द्योतक है। धन और वैभव के साथ यश, कीर्ति और श्रेठता का परिचायक भी श्री को माना जाता है। धन, वैभव पाने के लिए श्रेष्ठ होना जरूरी है और श्रेष्ठ होने के लिए बुद्धि और ज्ञान होना जरूरी है।
यह बुद्धि के देवता श्री गणपति और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही संभव है। यही कारण है कि देवताओं के इस समूह को श्री लक्ष्मी कहा जाता है और एक साथ सभी की पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म के अनुसार गणपति सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता हैं। हर शुभ काम में उन्हें ही सबसे पहले न्यौता दिया जाता है। इस वजह से भी दिवाली पर लक्ष्मी पूजन में गणपति का पूजन भी सबसे पहले किया जाता है। यहां तक कि कई लोग तो लक्ष्मी माता की आरती से पहले गणपति की आरती गाते हैं। उसके बात माता की विधवित पूजा मानी जाती है।
दिवाली पर करें मां लक्ष्मी की आरती, मिलेगी सुख संपत्ति
दिवाली 2022 के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के बाद यह आरती जरूर करें। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और उनकी कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता…
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
दिवाली 2022 पूजा विधि
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन शाम को स्नानादि करके साफ़ कपड़ा पहने लें। उसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछा दें। अब मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित कर उनकी विधि-विधान से पूजा करें।
पूजा के दौरान कलश व अन्य पूजन सामग्री जैसे- खील बताशा, सिन्दूर, गंगाजल, अक्षत-रोली, मोली, फल-मिठाई, पान-सुपारी, इलाइची आदि चढ़ाएं. मान्यता है कि इससे शुभ फलों में वृद्धि होती है। अंत में आरती कर प्रसाद वितरण करें।
"दीपज्योतिः परंब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते॥"
दीपक की रोशनी संसार के तम को दूर करे और आपके जीवन मे प्रकाश लाए।
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। माता लक्ष्मी आपकी सभी मनोकामना पूर्ण करें।