Adhik Maas 2023: इस बार 12 नहीं बल्कि 13 माह का होगा साल, 19 साल बाद बड़े त्योहारों में आएगा इतना अंतर

Hindu Calendar 2023: साल 2023 में 59 दिनों का होगा सावन का महीना
 
Adhik Maas 2023: इस बार 12 नहीं बल्कि 13 माह का होगा साल, 19 साल बाद बड़े त्योहारों में आएगा इतना अंतर
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Hindu Calendar 2023: नया साल 2023 शुरू हो चुका है। रविवार से शुरू हुआ ये साल काफी खास बीतने वाला है। इस साल कई खास योग बन रहे हैँ। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल में 12 माह होते हैं।

लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार बात करें, तो इस साल पूरे 13 माह पड़ रहे हैं। ऐसा कई सालों बाद हो रहा है। ज्योतिष के लिए ये साल काफी खास माना जा रहा है। 

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी से साल की शुरुआत होती है और दिसंबर के साथ समाप्त हो जाता है। लेकिन हिंदू कैलेंडर की बात करें, तो नए साल की शुरुआत चैत्र मास से होती है।

इसके बाद वैशाख, ज्येष्ठा, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन मास पड़ते हैं। लेकिन इस साल श्रावण मास एक नहीं बल्कि 2 मास होंगे। इस कारण कुल 13 मास पड़ रहे हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बूार श्रावण मास दो माह पड़ने का मुख्य कारण मलमास है। मलमास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास के नाम से जानते हैं। हर तीन साल में एक अतिरिक्त मास होता है जिसे मलमास कहते हैं।

मलमास के कारण 5 माह का चातुर्मास

हर साल चातुर्मास 4 माह के होते गहैं। लेकिन साल 2023 में पूरे पांच माह का चातुर्मास होगा। दरअसल, मलमास के कारण हर व्रत त्योहार में देरी होगी। इसी कारण सावन 2 और चातुर्मास 5 माह का होता है।

इन पांच माह में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे और भगवान शंकर सृष्टि का संचार करेंगे।

देर से आएंगे ये प्रमुख त्योहार

बीते वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया गया था, लेकिन 2023 में यह पर्व 30 अगस्त को पड़ रहा है। यानी त्योहार की तिथि में पूरे 19 दिन का अंतर है।

 ऐसा अधिक मास की वजह हो रहा है। इतना ही नहीं, इस वर्ष जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, पितृपक्ष, शारदीय नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस, दीपावली और भाई दूज जैसे बड़े पर्व भी देरी से आएंगे।

क्या है अधिक मास?

हिंदू कैलेंडर में हर तीन साल बाद एक अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है, जिसे अधिक मास, मलमास या पुरुषोत्तम कहते हैं। आइए आपको अधिक मास का पूरा गणित समझाते हैं। सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है। जबकि चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है।

दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। हर साल घटने वाले इन 11 दिनों को जोड़ें तो ये महीने के समान होते हैं। इसी अंतर को पाटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है, जिसे अधिक मास कहते हैं।

अधिक मास में न करें ये गलतियां

अधिक मास यानि मलमास में कुछ विशेष कार्य करने से बचना चाहिए। इसमें शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इसके अलावा, सगाई, भवन निर्माण, संपत्ति का क्रय-विक्रय, कर्णवेध, मुंडन और नए कार्यों का शुभारंभ वर्जित होता है।

ऐसा कहते हैं कि अधिक मास में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से भौतिक और भावनात्मक सुखों की प्राप्ति नहीं होती है।

साल 2023 में सावन

अधिकमास के कारण सावन पूरे 2 माह का होगा। इस कारण सावन में कुल 8 सोमवार पड़ेगे। बता दें कि 4 जुलाई से शुरू हो रहे हैं जो 31 अगस्त 2-23 को समाप्त होगा। ऐसा 19 साल बाद हो रहा है जब एक साल में 2 माह सावन पड़ रहे हैं।

नोट:- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं।

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