लड़कों के इन अंगों को चेक करके शादी करती है महिलाएं, यहां लगता है दूल्हों का बाजार

दुल्हो का अनोखा मेला, यहां लगता है दूल्हों का मेला
 
लड़कों के इन अंगों को चेक करके शादी करती है महिलाएं, यहां लगता है दूल्हों का बाजार

जानें, पुरुषों में किन चीजों पर गौर करती हैं लड़कियां

Groom Mela is held for Marriage: भारतीय समाज में यूं तो शादी को दो परिवारों का मिलन माना जाता है। शादी के लिए लड़के-लड़कियों के परिवार वाले एक-दूसरे के घर जाते हैं और पूरी पूछ-परख और देखने के बाद शादी तय होती है। किसी तरह की खामी मिलने पर शादी कैंसिल हो जाती है।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारें में बताने जा रहे है, जहां दूल्हों का मेला लगता है। यहां दूल्हा-दुल्हन नहीं बल्कि लड़की अपने वर को चुनती है। वह भी पूरी पूछ-परख और देखने के बाद।


दरअसल, बिहार के मिथिलांचल इलाके में 700 सालों से दूल्हे का बाजार सजता है जहाँ हर जाति धर्म के दूल्हे आते हैं और लड़की वाले उनकी वर का चुनाव करते हैं जिसकी बोली ऊंची दूल्हा उसका है।

शादी के लिए यहां बकायदा लड़कियां लड़कों को देखती है। घरवाले भी लड़के की पूरी डीटेल्स पता करते है। इतना ही नहीं इसके बाद दोनों का मिलन होता है, जन्मपत्री मिलाई जाती है। इसके बाद योग्य वर का चुनाव किया जाता है और फिर दोनों की शादी करवाई जाती है।


1310 ईस्वी में हुई थी शुरूआत


कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1310 ईस्वी में हुई थी। 700 साल पहले कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह देव ने सौराठ की शुरुआत की थी। इसके पीछे उनका मकसद था कि एक ही गोत्र में विवाह ना हो, बल्कि वर वधू के गोत्र अलग-अलग हो। इस सभा में सात पीढ़ियों तक ब्लड रिलेशन और ब्लड ग्रुप मिलने पर शादी की इजाजत नहीं दी जाती है।

यहां बिना दहेज, बिना किसी तामझाम के लड़कियां अपने पसंद के लड़कों को चुनती है और उनकी शादी होती है। मिथिलांचल में ये प्रथा आज भी बहुत मशहूर है और हर साल इसका आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों युवा आते हैं।

इस परंपरा को शुरू करने के पीछे ये थी वजह


इस मेले की शुरुआत करने की वजह यह थी कि लड़की की परिवार को शादी के लिए परेशानी का सामना ना करना पड़े। यहां हर वर्ग के लोग अपनी बेटी के लिए पसंद का लड़का ढूंढने आते हैं और इसके लिए ना ही दहेज देना होता है और ना ही शादी में लाखों रुपए खर्च करने होते हैं।

इस सभा में आकर लड़की और उसके परिवार को लड़के को पसंद करना होता है और इसके बाद दोनों की पत्रिका मिलाकर हंसी-खुशी दोनों की शादी करवा दी जाती है।

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति से न जाने कितने लोगों की ज़िंदगी बदली है।

आचार्य कहते हैं अगर आप सफलता अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको अपने मन को काबू करना सीखना होगा।

लेकिन जो शख्स मन को काबू नहीं कर पाता है, वो जीवन में कभी खुद को सफल नहीं कर सकता। आचार्य ने चाणक्य नीति में एक श्लोक के जरिए कहा है।


अनवस्थित यस्य न जने न वने सुखम्,

जनो दहति संसर्गात् वनं संगविवर्जनात। 

इस श्लोक के जरिए आचार्य ने बताया है कि इंसान की सिर्फ एक गलती उसकी असफलता की वजह बन जाती है और वो गलती है उसके मन का काबू में न होना।

ये एक अवगुण व्यक्ति को तमाम परेशानियों में डाल देता है। इसके कारण उसका मन किसी भी काम में नहीं लगता है।

ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान होने के बावजूद अपने मन को स्थिर न कर पाने के कारण अपनी योग्यता का पूरा लाभ नहीं ले पाता और सक्षम होकर भी वो प्राप्त नहीं करता, जिसका वो हकदार है। ऐसे में वो स्वयं के पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार लेता है।

इसलिए मन को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है। अगर आप इस पर नियंत्रण नहीं कर पाए तो आप चाहे कितने ही धनवान क्यों न हों, आपको गलत आदतों का शिकार होने से कोई नहीं रोक पाएगा। इसके कारण आपका जीवन परेशानियों से घिर जाएगा।

आचार्य का कहना था कि जिसका मन कंट्रोल में नहीं होता है, उसका दिल न तो लोगों के बीच लगता है। इसलिए जीवन में सफल होना है, संतुष्ट रहना है तो अपने मन को काबू में जरूर करना सीखें।

नोट: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। today hindi इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है।

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Railway Bharti: भारतीय रेलवे के साथ जुड़कर कौन काम करना नहीं चाहता। हर किसी की तमन्ना होती है कि वह रेलवे के साथ जुड़कर काम करे। ऐसे युवाओं के लिए रेलवे ने एक शानदार मौका निकाला है।

आवेदकों का सिलेक्शन बिना परीक्षा सीधे 10वीं के नंबर के आधार पर किया जाएगा। 

भारतीय रेलवे ने अप्रेंटिस के 6265 पद पर वैकेंसी निकाली है। इसमें साउथर्न रेलवे में अप्रेंटिस के 3150 पद पर और ईस्टर्न रेलवे में 3115 पद पर भर्तियां की जाएंगी।

इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट secr.indianrailways.gov.in पर जाकर 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

क्या होनी शैक्षणिक योग्यता ?

उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त बोर्ड सेकम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ 10 वीं क्लास पास होना चाहिए।

इसके साथ ही आवेदक के पास एनसीवीटी / एससीवीटी द्वारा जारी नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट भी होना आवश्यक है।

क्या है आयु सीमा ?

रेलवे के इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की न्युनतम आयु 15 साल और अधिकतम आयु सीमा 24 साल होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग को आयु सीमा  में छूट दी गई है।

ओबीसी वर्ग के लिए 3 वर्ष और एससी/ एसटी के लिए 5 वर्ष की छूट दी गई है, जबकि दिव्यांगो के लिए अधिकतम आयु सीमा में 10 साल की छूट प्रदान की गई है। 

जानें क्या है चयन प्रक्रिया 

उम्मीदवारों का चयन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के आधार पर किया जाएगा। सबसे पहले आवेदकों को डीवी के लिए बुलाया जाएगा। उसके बाद योग्यता और आईटीआई में औसत अंकों के आधार पर उनका चयन होगा।

क्या है आवेदन शुल्क ?

भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को 100 रुपये के शुल्क का भुगतान करना होगा।

जानें कैसे करें आवेदन 

आवेदक सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट rrcer.com, sr.indianrailways.gov.in पर जाएं। 

अब उम्मीदवार होम पेज पर सम्बंधित लिंक पर क्लिक करें। 

इसके बाद उम्मीदवार विवरण दर्ज करें। 

अब उम्मीदवार ईमेल आईडी / मोबाइल नंबर आदि सहित अन्य जानकारी दर्ज करें । 

उम्मीदवार अपनी वरीयता चुनें। 

इसके बाद उम्मीदवार स्कैन किए गए फोटोग्राफ, हस्ताक्षर और आय दस्तावेज अपलोड करें। 

फिर उम्मीदवार आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 

अब उम्मीदवार फॉर्म सबमिट कर दें। 

अंत में अभ्यर्थी फॉर्म डाउनलोड करें और उसका प्रिंट निकाल लें।