राजीव दीक्षित ने बताया स्वस्थ रहने के सूत्र, सूर्योदय से सूर्यास्त तक, कैसी होनी चाहिए हमारी दिनचर्या?

दिन की शुरुआत में सबसे पहले बिना कुल्ला - बिना मुँह धोये, खासी मुँह से दो से तीन गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी सेंधा नमक डालकर पीना चाहिये। Read More:- बच्चों को स्कूल के लिए सुबह जल्दी कैसे उठाएं? अपनाएं यह ट्रिक
नित्यकर्म से निवृत्त होकर सुबह आत्मशुद्धि के लिये योग व प्राणायाम करना चाहिये।
सुबह उठने के एक घंटे बाद शुरुआत फलों के रस से हो तो अच्छा हैं।
सुबह का भोजन 7 से 9 बजे तक करना चाहिए। भोजन में पौष्टिक आहार जैसे फल, रोटी, चावल, सब्जी, दाल, गुड़ आदि होना चाहिए। जठराग्नि सुबह 7 से 9.00 बजे तक सूर्योदय से 2 घंटे तक सबसे अधिक तीव्र होती है।
दोपहर का भोजन 1 से 2 बजे तक करना चाहिये और शाम का भोजन 5 से 6 बजे तक करना।
चाहिये। सुबह भरपूर भोजन करना चाहिये, दोपहर का भोजन सुबह से आधा होना चाहिये और शाम का भोजन दोपहर से आधा होना चाहिये।
भोजन हमेशा जमीन पर बैठकर करें।
सूर्यास्त के 40 मिनट पहले भोजन करें और रात्रि में भारतीय देसी गाय का दूध लेना लाभदायक हैं।
भोजन के अंत में पानी पीना विष के समान है, भोजन करने के कम से कम 48 मिनट पहले पानी पियें और भोजन के एक घंटे बाद पानी पीना चाहिये। भोजन के अंत में एक-दो घूँट पानी गला साफ करने के लिये पी सकते हैं। पानी जब भी पियें घूँट घूँट करके, बैठकर पीयें।
दुखी रहने के कारण और दुख दूर रखने के उपाय
भोजन के बाद 10 मिनट वज्रासन में बैठना लाभदायक है।
सुबह और दोपहर के भोजन के बाद 20 मिनट बायी करवट लेटना चाहिये। (विष्णु मुदा में)
शाम के भोजन के बाद कभी सोना नहीं करना चाहिये। सांय के भोजन के बाद 500 कदम से 1000 कदम चलें।
रात का भोजन सोने से कम से कम 2-2.30 घण्टे पहले कर लें।
हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोएं।
घर में इस स्थान पर रखें क्रिस्टल का कछुआ, दिलाता है अपार धन-दौलत