पीरियड्स के दौरान क्यों नहीं धोए जाते हैं बाल?

क्या मौसम बदलते ही आपके भी बाल झड़ने लगते हैं या फिर एक लेंथ तक आने के बाद आपके बाल ही नहीं बढ़ते?
 
पीरियड्स के दौरान क्यों नहीं धोए जाते हैं बाल?

बालों की सेहत बनाए रखने के लिए हम नए-नए प्रोडक्ट्स और तकनीक आजमाते हैं, फिर भी आजकल बालों को झड़ने से बचाना मुश्किल है।

मगर, क्या आप जानते हैं कि बचपन में दादी-नानी पीरियड्स के दौरान बाल धोने से मना क्यों करती थीं या फिर बालों को आगे की ओर लटका कर क्यों धोती थीं।

ऐसा माना जाता है कि इससे बालों का झड़ना तो कम होता ही है, शरीर में ब्लड फ्लो भी सही रहता है। इससे ब्रेन में ऑक्सीजन फ्लो भी बढ़ता है, जो एकाग्रता यानी फोकस बढ़ाने में मदद करता है।

सिर को आगे की तरफ झुका कर रखने को इंवर्जन मेथड भी कहा जाता है। इसके लिए बाल धोते समय सिर को आगे की तरफ झुकाकर बाल धोए जाते हैं। इसे लोग एक एक्सरसाइज के तौर पर भी करते हैं। इससे बालों की जड़ें एक्टिव रहती हैं, जिससे बालों की हेल्थ और ग्रोथ दोनों ही अच्छी होती है।

पिछले साल हैदराबाद की एक महिला को सैलून में सिर पीछे की ओर लटका कर बाल धुलवाने के कारण स्ट्रोक आ गया था। महिला हेयर वॉश के लिए सिर पीछे की ओर करके बैठी तो उसे चक्कर आने लगे। कुछ ही देर में उसे उल्टी की समस्या शुरू हो गई। बाद में पता चला कि महिला को ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम हुआ था।

दरअसल, बहुत देर तर सिर झुकाए रखने से महिला के सिर के सेरिबैलम पार्ट में खून के थक्के जम गए। सेरिबैलम दिमाग का वो हिस्सा है, जिससे रीढ़ की हड्डी भी जुड़ी होती है। डॉक्टर के अनुसार ऐसा तब होता है जब मालिश करने वाला गर्दन और सिर को जोर से दबाता है। कभी-कभी सिर पीछे लटकाने से गर्दन भी मुड़ जाती है। इससे सॉफ्ट टिशूज में चोट लग जाती है, जिससे स्ट्रोक आने का खतरा रहता है।

स्ट्रेस, माइग्रेन और गर्दन के दर्द को करे दूर

बालों को आगे की तरफ झुका कर के धोने से या फिर इस पोजिशन में बैठने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहेगा। ऐसा हर दूसरे दिन कम से कम 4 मिनट तक करने के कई फायदे हैं। इससे मेंटल हेल्थ अच्छी रहेगी और एकाग्रता बढ़ेगी।

स्ट्रेस में हैं तो ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी। अगर माइग्रेन या गर्दन दर्द से परेशान रहते हैं तो उससे छुटकारा पाने के लिए इस तकनीक को जरूर अपनाएं।

रात में धोने से क्यों कमजोर होते हैं बाल?

रात को बाल धोने के बाद उनके सूखने से पहले बिस्तर पर सोना नहीं चाहिए। दरअसल, गीले बालों के साथ बिस्तर पर लेट जाते हैं तो ऐसे में बालों के टूटने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। रात को बाल धोने से बाल और उसकी जड़े दोनों कमजोर हो जाती हैं। लेटने के वक्त बालों पर दबाव पढ़ता है। इसके अलावा भारतीय मान्यता भी है कि रात को बाल धोने से लक्ष्मी नहीं आती है।

लर्जी का भी खतरा

जब बाल गीले होते हैं तो बालों की जड़ें ऊपर की उठ जाती हैं, जो बालों के टूटने का मुख्य कारण होता है। ऐसा भी मानना है कि गीले बालों में सोते समय हम सर घुमाते हैं तो हमारे बाल उलझ जाते हैं। इसके कारण अगले दिन ब्रश करना बहुत मुश्किल हो जाता है और बाल कंघी करने में हेयर क्यूटिकल पर तो स्ट्रेस पड़ता ही है, साथ ही पहले से अधिक बाल झड़ने लगते हैं।

गीले बालों के साथ आप कई घंटे रहने से स्कैल्प पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण की वजह से डैंड्रफ की समस्या बढ़ सकती है। रात में बाल धोने से सर्दी-जुकाम या एलर्जी बढ़ सकती है। इसकी वजह से सिर दर्द और भारीपन भी हो सकता है।

बाल धोने से कम हो जाता है शरीर का तापमान

पीरियड्स के लिए बनाए गए कई नियमों में से एक ये भी है कि 3 दिनों तक बाल नहीं धोना चाहिए। इसका कोई धार्मिक कारण नहीं है। दरअसल, पीरियड्स का फ्लो सही रहे इसके लिए शरीर का गर्म होना जरूरी है।

ये साइकिल हर महिला की अलग होती है। किसी को तीन दिन, किसी को पांच और किसी दिन सात दिनों तक ब्लीडिंग होती है। इस ​बीच सिर को धोने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और ऐसे में ब्लीडिंग रुक जाती है।

पीरियड्स के दौरान बाल धोने से यूट्रस में जम सकते हैं खून के थक्के

पीरियड्स अगर सही से ना हो तो ये खून के थक्के गांठों की शक्ल ले लेते हैं। ऐसे में इन्फेक्शन, पेट दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार ये गांठें दवा के जरिए नहीं निकल पाती, ऐसे में ​ऑपरेशन भी करवाना पड़ता है।

पीरियड्स में कोशिश करें कि कम से कम तीन दिन बाद सिर धोएं। तीसरे दिन अगर आप सिर धोती भी हैं तो गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें, इससे शरीर का तापमान मेंटेन रहेगा और दर्द भी कम होगा।