Side Effects: इन बीमारियों में न करें हल्दी वाले दूध का अधिक सेवन, इन्हे करना चाहिए अवॉइड

 
Side Effects: इन बीमारियों में न करें हल्दी वाले दूध का अधिक सेवन, इन्हे करना चाहिए अवॉइड

Side Effects: जब भी खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश आदि समस्या होती है तो सबसे पहले लोग एक गिलास गर्मा-गर्म हल्दी वाला दूध पीते हैं। बुखार, इंफेक्शन आदि को खुद से दूर रखने और शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए हल्दी वाला दूध पीना काफी फायदेमंद है। 

डॉक्टर भी इस हेल्दी ड्रिंक को पीने की सलाह देते हैं। बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए हल्दी दूध रात में सोने से पहले जरूर पीना चाहिए।

हल्दी में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो कई तरह की शारीरिक समस्याओं को होने से रोकते हैं। हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है। ये सभी अर्थराइटिस, इंफेक्शन, कई तरह के कैंसर, हार्ट डिजीज जैसे खतरनाक रोगों से बचाए रख सकते हैं।

साथ ही दूध हड्डियों, दांतों को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए जरूरी है। हल्दी वाला दूध पाचन को दुरुस्त रखता है। इससे वजन भी नहीं बढ़ता है।

इतने फायदे होने के बावजूद भी हल्दी वाला दूध अधिक पीने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गर्मी के मौसम में भी हल्दी वाला दूध अधिक पीने से बचना चाहिए।

चूंकि, हल्दी तासीर में गर्म होती है, इसलिए दिन भर में सिर्फ एक गिलास या एक कप ही इसका सेवन करें। आइए जानते हैं हल्दी वाला दूध पीना किन स्थितियों में नुकसानदायक साबित हो सकता है।

हल्दी वाला दूध पीने के नुकसान


वर्षों से हल्दी को मेडिसिनल और हीलिंग प्रॉपर्टीज की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। हर घर के किचन में मौजूद हल्दी में एक्टिव तत्व करक्यूमिन इसे एक देसी सुपरफूड बनाता है।

यह एक पावरफुल एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है, जो गंभीर रोग देने वाले फ्री रैडिकल्स से लड़ता है। यह सभी तत्व जोड़ों के दर्द को दूर करते हैं. चोट, घाव को जल्दी भरते हैं। बावजूद इसके, किसी भी चीज का अधिक सेवन फायदे की बजाय नुकसान ही पहुंचाता है।

कुछ लोगों में करक्यूमिन खराब पेट की समस्या को ठीक करता है तो वहीं किसी-किसी को इससे नुकसान भी हो सकता है।

एक स्टडी के अनुसार, सीमित मात्रा में करक्यूमिन फायदा पहुंचाता है वरना इससे पेट में क्रैम्प की समस्या हो सकती है। डायरिया होने की संभावना बढ़ सकती है। अधिक हल्दी वाला दूध पीने से पेट में तकलीफ, उल्टी, पेट में लगातार क्रैम्प आदि हो सकता है।

यदि आप हल्दी वाला दूध घर पर बनाकर नहीं पीते हैं और मार्केट में उपलब्ध पैक्ड गोल्डन मिल्क खरीद कर सेवन करते हैं तो आपको उसके लेबल पर ध्यान देना चाहिए।

हालांकि, शॉप, स्टोर या कैफे से गोल्डन मिल्क खरीदना घर पर बनाने की तुलना में आसान हो सकता है, लेकिन यदि आपको फूड एलर्जी या इनटॉलरेंस है तो यह आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है।जिन लोगों को सोया या फिर नट्स एलर्जी है, उन्हें भी हल्दी वाला दूध पीने से परहेज करना चाहिए।

गुर्दे की पथरी या किडनी में स्टोन होने की संभावना हो सकती है। हल्दी में 2% ऑक्सालेट होता है। उच्च मात्रा में ऑक्सालेट का सेवन गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है या किडनी की समस्या को बढ़ा सकता है। ऐसे में आपको किडनी संबंधित परेशानी है तो हल्दी वाले दूध के सेवन से बचें।

अधिक मात्रा में हल्दी वाला दूध पीने से ब्लड शुगर लेवल भी कम हो सकता है। यदि आप इसे एंटीडायबिटिक दवाओं के साथ लेते हैं तो ब्लड शुगर लेवल काफी कम हो सकता है।

 यदि आपको डायबिटीज है तो हल्दी वाला दूध पीने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क कर लें।

आयरन की कमी का कारण बन सकता है हल्दी वाला दूध। अतिरिक्त हल्दी आयरन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकती है। इससे उन लोगों में आयरन की कमी हो सकती है, जो पर्याप्त रूप से प्रतिदिन आयरन का सेवन नहीं करते हैं।