नारियल के तेल से करें स्तनों की मालिश, मिलेंगे 4 बड़े फायदे...

ब्रेस्ट मसाज करने से होते हैं बड़े फायदे


 

 
नारियल के तेल से करें स्तनों की मालिश, मिलेंगे 4 बड़े फायदे...

नारियल तेल से ब्रेस्ट कैसे बढ़ाएं?

नारियल का तेल त्वचा, सेहत और बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। नारियल तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसका सेहत को अनगिनत लाभ मिलते हैं। नारियल के तेल का उपयोग खाना पकाने, बालों की मालिश करने या त्वचा पर लगाने के लिए किया जाता है। सभी लोग अपनी-अपनी जरूरतानुसार नारियल के तेल का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं नारियल का तेल स्तनों के लिए भी काफी लाभकारी होता है। नारियल के तेल से स्तनों की मालिश की जाए, तो इससे ब्रेस्ट टिश्यू और सेल्स मजबूत बनते हैं।

आप अपने स्तनों का विकास करने, स्तनों में कसाव लाने और स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए नारियल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।

आइए, नारियल के तेल से स्तनों की मालिश करने के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

स्तनों के बढ़ने, गर्भावस्था या फिर प्रसव के बाद स्तनों में स्ट्रेच मार्क्स दिखने लगते हैं। स्ट्रेस मार्क्स स्तनों पर खिंचाव के कारण हो सकता है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से स्तनों की नारियल के तेल से मालिश करेंगे, तो इससे स्तनों की त्वचा पर होने वाले स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा मिल सकता है। इससे स्तनों पर खिंचाव के निशानों को दूर किया जा सकता है।

बढ़ती उम्र में या फिर स्तनों के बढ़े होने के कारण स्तन लटकने लगते हैं। लटके हुए स्तन महिलाओं के लुक को खराब कर देते हैं। ऐसे में अगर आपके भी स्तन ढीले और लटते हुए हैं, तो आप नियमित रूप से नारियल के तेल से इनकी मालिश कर सकते हैं।

नारियल के तेल से स्तनों की मालिस करने से स्तनों के ऊतकों यानी टिश्यू को टोन करने में मदद मिलती है। स्तन मजबूत बनते हैं और लटके हुए स्तनों में कसाव आता है।

सुडौल, बड़े और अट्रैक्टिव स्तनों की चाहत हर किसी की होती है। लेकिन कुछ महिलाओं के स्तन उम्र बढ़ने पर भी छोटे रह जाते हैं। इस स्थिति में नारियल के तेल से मालिश करना फायदेमंद हो सकता है।

रोजाना नारियल के तेल से स्तनों की मालिश करने से स्तनों के विकास में मदद मिल सकती है। नारियल का तेल स्तनों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और स्तनों को सुडौल बनाने में मदद करता है।

स्तनों पर नारियल तेल से मालिश कैसे करें?

नारियल के तेल से स्तनों की मालिश करना बेहद फायदेमंद होता है।

इसके लिए आप नारियल का तेल लें और हल्का गुनगुना करें।

अब इस तेल को अपने हाथों पर रखें और स्तनों पर लगाएं।

इसके बाद हल्के हाथों से स्तनों की सर्कुलर मोशन में मसाज करें। 

आप प्रत्येक स्तन की 5-10 मिनट तक मसाज कर सकते हैं।

आप भी स्तनों में कसाव लाने, स्तनों का विकास करने और लटके स्तनों को टाइट करने के लिए नारियल के तेल से स्तनों की मालिश कर सकते हैं। इसके लिए आप सर्कुलर मोशन में रोजाना मसाज कर सकते हैं। धीरे-धीरे आपको फर्क दिखने लगेगा।

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Groom Mela is held for Marriage: भारतीय समाज में यूं तो शादी को दो परिवारों का मिलन माना जाता है। शादी के लिए लड़के-लड़कियों के परिवार वाले एक-दूसरे के घर जाते हैं और पूरी पूछ-परख और देखने के बाद शादी तय होती है। किसी तरह की खामी मिलने पर शादी कैंसिल हो जाती है।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारें में बताने जा रहे है, जहां दूल्हों का मेला लगता है। यहां दूल्हा-दुल्हन नहीं बल्कि लड़की अपने वर को चुनती है। वह भी पूरी पूछ-परख और देखने के बाद।


दरअसल, बिहार के मिथिलांचल इलाके में 700 सालों से दूल्हे का बाजार सजता है जहाँ हर जाति धर्म के दूल्हे आते हैं और लड़की वाले उनकी वर का चुनाव करते हैं जिसकी बोली ऊंची दूल्हा उसका है।

शादी के लिए यहां बकायदा लड़कियां लड़कों को देखती है। घरवाले भी लड़के की पूरी डीटेल्स पता करते है। इतना ही नहीं इसके बाद दोनों का मिलन होता है, जन्मपत्री मिलाई जाती है। इसके बाद योग्य वर का चुनाव किया जाता है और फिर दोनों की शादी करवाई जाती है।


1310 ईस्वी में हुई थी शुरूआत


कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1310 ईस्वी में हुई थी। 700 साल पहले कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह देव ने सौराठ की शुरुआत की थी। इसके पीछे उनका मकसद था कि एक ही गोत्र में विवाह ना हो, बल्कि वर वधू के गोत्र अलग-अलग हो। इस सभा में सात पीढ़ियों तक ब्लड रिलेशन और ब्लड ग्रुप मिलने पर शादी की इजाजत नहीं दी जाती है।

यहां बिना दहेज, बिना किसी तामझाम के लड़कियां अपने पसंद के लड़कों को चुनती है और उनकी शादी होती है। मिथिलांचल में ये प्रथा आज भी बहुत मशहूर है और हर साल इसका आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों युवा आते हैं।

इस परंपरा को शुरू करने के पीछे ये थी वजह


इस मेले की शुरुआत करने की वजह यह थी कि लड़की की परिवार को शादी के लिए परेशानी का सामना ना करना पड़े। यहां हर वर्ग के लोग अपनी बेटी के लिए पसंद का लड़का ढूंढने आते हैं और इसके लिए ना ही दहेज देना होता है और ना ही शादी में लाखों रुपए खर्च करने होते हैं।

इस सभा में आकर लड़की और उसके परिवार को लड़के को पसंद करना होता है और इसके बाद दोनों की पत्रिका मिलाकर हंसी-खुशी दोनों की शादी करवा दी जाती है।

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