Chanakya Niti: महिलाओं को इन कामों के बाद ज़रूर कर लेना चाहिए स्नान, वर्ना होगा यह हाल

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में कई ऐसी बातें बताई हैं जो आज भी तर्क संगत हैं उन्होंने तब जो बातें कहीं थीं वो आज के परिप्रेक्ष में भी बिलकुल फिट बैठती हैं। Read More:- इस वजह से लड़के शादीशुदा महिलाओं पर होते हैं फिदा, आखिर यह है वजह
उन्होंने इस किताब में लिखा है कि महिलाओं के कुछ ऐसे काम हैं जिसके बाद उन्हें ज़रूर नहाना चाहिए। साथ ही इसमें उन्हें कभी भी त्रुटि नहीं करनी चाहिए। आइये जानते हैं आखिर वो कौन से काम हैं।
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जो शायद ही आप कभी जान पाएं और ये बिलकुल सच भी हैं। उन्हें भारतीय राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र पर मज़बूत पकड़ थी जिसके चलते उन्होंने कई ऐसी बातों के बारे में बताया जो आम इंसान की सोच से भी परे था।
उन्होंने जीवन के कई पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये। इतना ही नहीं उन्होंने मनुष्य को कई गूढ़ बातें भी बताईं जिससे वो अपने जीवन में कई बातों को समझ सकें।
वहीँ अगर आप भी अपने जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कई तरह की बातों को जानना और समझना ज़रूरी होता है। वहीँ आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को सही राह पर चलने का रास्ता दिखाया जिससे वो अपने जीवन में हर तरह की चुनौतियों का भी सामना कर सकें। इतना ही नहीं आचार्य चाणक्य ने हमे जीवन के हर दौर में क्या करें और क्या न करें के बारे में भी बताया।
उन्होंने नहाने का सही समय बताया और साथ ही किसके बाद नहाना चाहिए और किसके बाद नहीं ये भी अपनी पुस्तक में लिखा है। उन्होंने साफ़ बताया है कि महिलाओं को क्या काम करने के बाद तुरंत नहा लेना चाहिए और अगर वो ऐसा नहीं करती हैं तो ये बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता है।
यूँ तो हम सभी रोज़ सुबह स्नान करते हैं और सूर्योदय से पहले स्नान करना सनातन धर्म में सही माना गया है वहीँ आचार्य चाणक्य कुछ अन्य परिस्थितियों में भी स्नान करना ज़रूरी बताया है।
उन्होंने कहा है ऐसा न करने से हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने ये भी कहा है कि मनुष्य को रोज़ स्नान करना चाहिए वार्ना वो अपने आप को मुसीबत में भी डाल सकता है।
चाणक्य नीति के आठवें अध्याय के छठे श्लोक में कहा गया है कि मनुष्य को कौन से काम के बाद स्नान ज़रूर करना चाहिए।
श्लोक
तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि।
तावद् भवति चाण्डालो यावत् स्नानं न चाचरेत्।।
इस श्लोक का अर्थ है कि मनुष्य जब तक मालिश करने के बाद, शमशान घाट से लौटने के बाद, सम्भोग के बाद, दाढ़ी बनाने के बाद स्नान नहीं कर लेता तब तक वो चांडाल ही माना जाता है।
शारीरिक संबंध बनाने के बाद जरूर स्नान करें
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि स्त्री और पुरुष दोनों को शारीरिक सम्बद्ध बनाने के बाद स्नान ज़रूर करना चाहिए। क्योकि इससे शरीर दूषित हो जाता है। साथ ही पवित्रता भंग हो जाती है। अतः इसके बाद कोई भी पवित्र काम आप नहीं कर सकते इसलिए शरीर को पवित्र बनाने के लिए आपको संभोग के बाद स्नान करना बेहद ज़रूरी है।
शरीर की मालिश करने के बाद
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शरीर की अगर तेल से मालिश की गयी है तो उसके बाद स्नान करना बेहद ज़रूरी है। इससे शरीर की गन्दगी अच्छे से बाहर निकल जाती है। और आपकी त्वचा चमकदार और सेहतमंद हो जाती है।
दाह संस्कार करने के बाद
किसी की मृत्यु होने पर अगर आप वहां गए हैं या उसकी शवयात्रा में शामिल हुए हैं तो आपको वापस घर आने पर स्नान ज़रूर करें। बिना स्नान के घर के अंदर आना भी वर्जित बताया गया है लेकिन आज के समय में ये थोड़ा मुश्किल है क्योकि लोगों के घर अंदर ही होते हैं लेकिन पहले समय में स्नानगृह ज़्यदातर बहार की तरफ ही होते थे।
उनके अनुसार ऐसा इसलिए किया जाता है क्योकि जब आप शमशान या किसी की शवयात्रा में शामिल होते हैं तो उसके शरीर से कई तरह के कीटाणु निकलते हैं जो आपके शरीर में चिपक सकते हैं इसलिए इसके बाद स्नान ज़रूरी है जिससे वो कीटाणु हट जाएं।
बाल कटवाने के बाद जरूरी है स्नान करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार बाल कटवाने के बाद स्नान करना बेहद ज़रूरी है क्योकि इसके बाद कई सारे छोटे छोटे बाल हमारे शरीर में चिपक जाते हैं ऐसे में ज़रूरी है कि बाल कटवाने के बाद नहाया जाये जिससे ये बाल निकल जायेंगे।