Urfi Javed: उर्फी ने बताया यंग दिखने का जबरदस्त फार्मूला, रोज Sex करने से आप 7 गुना छोटे दिखते हैं!

 
Urfi Javed: उर्फी ने बताया यंग दिखने का जबरदस्त फार्मूला, रोज Sex करने से आप 7 गुना छोटे दिखते हैं! 

उर्फी जावेद (urfi javed) मनोरंजन जगत का एक ऐसा नाम है, जो कुछ भी करें लेकिन चर्चा में बना रहता है। वह सोशल मीडिया पर अपने फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं। Read:- urfi javed

इतना ही नहीं, उर्फी अपनी बातों को बिंदास होकर रखती हैं। वह अपने आउटफिट की वजह से अक्सर ट्रोल होती हैं लेकिन वह ट्रोल्स को करारा जवाब भी देती हैं।

वहीं, अब उर्फी जावेद ने शारीरिक संबंध पर अपनी राय रखी है और इनके फायदे बताए हैं।


दरअसल, उर्फी जावेद ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक महिला शारीरिक संबंध पर बात करती दिख रही है।

यह महिला वीडियो में कह रही है कि सेक्स करने से महिलाएं उम्रदराज दिखने लगती हैं। यह वीडियो यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया का है, जिसमें वह एक महिला का इंटरव्यू ले रहे हैं।

महिला कहती दिख रही है कि सेक्शुअल एनर्जी बहुत पावरफुल होती है। महिला की इन्हीं बातों को उर्फी ने गलत ठहराया है।


महिला की इन बातों का जवाब देते हुए उर्फी ने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 'यह महिला कह रही है कि अगर कोई महिला सेक्स करती है तो उसकी उम्र जल्दी बढ़ती है।

वह वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट है। जी हां, आप सही हैं।'


इसके साथ ही उर्फी जावेद ने इंस्टाग्राम पर गूगल सर्च इंजन का एक स्क्रीनशॉट भेजा है, जिसमें इस मुद्दे पर साइकोलॉजिस्ट्स क्या कहते हैं।

इस स्क्रीनशॉट के मुताबिक, साइकोलॉजिस्ट्स कहते हैं, नियमित रूप से सेक्स करने से आप अपनी उम्र से सात गुना छोटे लगते हो।

सेक्शुअल इंटरकोर्स से एंडॉर्फिन रिलीज होता है जो कि मूड अच्छा करने वाला केमिकल होता है जो कि बेहतर नींद में मदद करता है और स्ट्रेस से राहत दिलाता है।

सेक्स से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और इससे हमारी स्किन जवान लगती है।

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आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने नीति शास्त्र में मनुष्य के जीवन से संबंधित कई बातों का उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों के सामने बात करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए।

आइए जानें कौन सी हैं वो बातें जिन्हें बच्चों के सामने भूलकर भी नहीं करना चाहिए।


आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को बच्चों के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। इससे आप बच्चों की नजरों में अपना सम्मान खो बैठेंगे। इसलिए हमेशा बच्चों के सामने झूठ बोलने से परहेज करें।

सम्मान और आदर

आचार्य चाणक्य के अनुसार माता-पिता को कभी भी बच्चों के सामने एक दूसरे के लिए अपमानजनक बातें नहीं करनी चाहिए। हमेशा एक-दूसरे का अदार सम्मान करना चाहिए। इससे बच्चों की नजर में आपका सम्मान बढ़ता है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार माता-पिता को कभी भी बच्चों के सामने एक दूसरे की कमियां नहीं निकालनी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो बच्चों की नजरों में आपका सम्मान भी कम हो जाता है।


आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी बच्चों के सामने अपशब्द न बोलें। भाषा को लेकर बच्चों के सामने हमेशा सावधानी बरतें. बच्चों के सामने अच्छी बोली और भाषा का इस्तेमाल करें। क्योंकि आपके बच्चें सबसे पहले आप से ही सीखते हैं।

लड़कों के इन अंगों को चेक करके शादी करती है महिलाएं, यहां लगता है दूल्हों का बाजार

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Groom Mela is held for Marriage: भारतीय समाज में यूं तो शादी को दो परिवारों का मिलन माना जाता है। शादी के लिए लड़के-लड़कियों के परिवार वाले एक-दूसरे के घर जाते हैं और पूरी पूछ-परख और देखने के बाद शादी तय होती है। किसी तरह की खामी मिलने पर शादी कैंसिल हो जाती है।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारें में बताने जा रहे है, जहां दूल्हों का मेला लगता है। यहां दूल्हा-दुल्हन नहीं बल्कि लड़की अपने वर को चुनती है। वह भी पूरी पूछ-परख और देखने के बाद।


दरअसल, बिहार के मिथिलांचल इलाके में 700 सालों से दूल्हे का बाजार सजता है जहाँ हर जाति धर्म के दूल्हे आते हैं और लड़की वाले उनकी वर का चुनाव करते हैं जिसकी बोली ऊंची दूल्हा उसका है।

शादी के लिए यहां बकायदा लड़कियां लड़कों को देखती है। घरवाले भी लड़के की पूरी डीटेल्स पता करते है। इतना ही नहीं इसके बाद दोनों का मिलन होता है, जन्मपत्री मिलाई जाती है। इसके बाद योग्य वर का चुनाव किया जाता है और फिर दोनों की शादी करवाई जाती है।


1310 ईस्वी में हुई थी शुरूआत


कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1310 ईस्वी में हुई थी। 700 साल पहले कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह देव ने सौराठ की शुरुआत की थी। इसके पीछे उनका मकसद था कि एक ही गोत्र में विवाह ना हो, बल्कि वर वधू के गोत्र अलग-अलग हो। इस सभा में सात पीढ़ियों तक ब्लड रिलेशन और ब्लड ग्रुप मिलने पर शादी की इजाजत नहीं दी जाती है।

यहां बिना दहेज, बिना किसी तामझाम के लड़कियां अपने पसंद के लड़कों को चुनती है और उनकी शादी होती है। मिथिलांचल में ये प्रथा आज भी बहुत मशहूर है और हर साल इसका आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों युवा आते हैं।

इस परंपरा को शुरू करने के पीछे ये थी वजह


इस मेले की शुरुआत करने की वजह यह थी कि लड़की की परिवार को शादी के लिए परेशानी का सामना ना करना पड़े। यहां हर वर्ग के लोग अपनी बेटी के लिए पसंद का लड़का ढूंढने आते हैं और इसके लिए ना ही दहेज देना होता है और ना ही शादी में लाखों रुपए खर्च करने होते हैं।

इस सभा में आकर लड़की और उसके परिवार को लड़के को पसंद करना होता है और इसके बाद दोनों की पत्रिका मिलाकर हंसी-खुशी दोनों की शादी करवा दी जाती है।

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