Muharram 2023: भारत में कब से शुरू हो रहा मुहर्रम? किस दिन है यौम-ए-आशूरा?

Muharram 2023: इस्लामिक कैंलेडर का पहला महीना मुहर्रम गुरुवार (20 जुलाई) से शुरू हो रहा है, जिसको लेकर आज यानी 19 जुलाई को चांद का दीदार किया जाएगा। इसी महीने के साथ इस्लामिक साल की शुरुआत होती है।
वैसे तो ये एक महीना है, लेकिन इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाते हैं। मुहर्रम की दसवीं तारीख को यौम-ए-आशूरा मनाया जाता है, जो इस बार 29 जुलाई को मनाया जाएगा। इस महीने को गम के तौर पर मनाया जाता है।
मुहर्रम की दसवीं तारीख को मनाए जाने वाले यौम-ए-आशूरा के दिन ही ताजिए निकाले जाते हैं। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, सन 61 हिजरी (680 ईस्वी) में इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे।
यही वजह है कि मुहर्रम के इस महीने में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाते हैं, क्योंकि इस महीने में पैगंबर के नवासे की शहादत हुई थी, इसीलिए इस महीने को गम का महीना कहा जाता है।
मुहर्रम के इस महीने की तारीख को लेकर मरकजी चांद कमेटी ने एक बयान जारी किया है। मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर और इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली काजी-ए-शहर ने एलान करते हुए बताया कि मुहर्रम की 01 तारीख 20 जुलाई को होगी। इसलिए यौम-ए-आशूरा 29 जुलाई 2023 को होगा।
शिया और सुन्नी में मान्यताएं अलग
मुहर्रम के महीने को लेकर शिया और सुन्नी समुदाय की मान्यताएं अलग-अलग हैं। शिया समुदाय के लोग जहां मुहर्रम की 1 तारीख से लेकर 9 तारीख तक रोजा रख सकते हैं तो वहीं सुन्नी लोग ऐसा नहीं करते हैं वो मुहर्रम की 9 और 10 तारीख को रोजा रखते हैं।
वैसे इस महीने मुसलमानों के लिए रोजा रखना फर्ज नहीं होता। हालांकि सुन्नत (पुण्य) के तौर पर मुस्लिम ये रोजा रख सकते हैं। इसके अलावा शिया लोग इस पूरे महीने मातम मनाते हैं और काले कपड़े पहनते हैं।