उज्जैन। सावन अथवा श्रावण माह में 21 जुलाई से भगवान महाकाल की दिनचर्या बदल जाएगी। अवंतिकानाथ आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घटा पहले जागेंगे। प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा सप्ताह के शेष दिनों में रात तीन बजे भस्म आरती होगी। बता दें कि आम दिनों में भगवान महाकाल तड़के चार बजे जागते हैं, तत्पश्चात भस्म आरती की जाती है।
ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में सावन माह के दौरान भगवान महाकाल भक्तों के लिए आम दिनों की अपेक्षा एक से डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। इस बार सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई सोमवार के दिन हो रही है, इसलिए 21 जुलाई की रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे।
मंगलवार से शनिवार तक रात 3 बजे खुलेंगे पट
इसके पश्चात रात 2.30 से तड़के 4.30 बजे तक भस्म आरती होगी। सावन माह में प्रत्येक सोमवार को पट खुलने तथा भस्म आरती का यही समय रहेगा। सप्ताह के शेष दिन मंगलवार से शनिवार तक रात 3 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। पश्चात रात 3 बजे से सुबह 5 बजे तक भस्म आरती होगी।
चलायमान दर्शन व्यवस्था जारी रहेगी
श्रावण माह में देशभर से आने वाले श्रद्धालु बिना किसी परेशानी तथा अनुमति की बाध्यता के बिना सुगमता से भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर सके, इस हेतु मंदिर समिति ने चलायमान दर्शन व्यवस्था को यथावत रखने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था से कोई भी भक्त कतार में लगकर भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं।
सूचना बोर्ड लगाकर भक्तों को जानकारी देगी समिति
चलायमान दर्शन व्यवस्था पूरी तरह निशुल्क है। इसके लिए मंदिर प्रशासन से किसी भी प्रकार की अनुमति लेना आवश्यक नहीं है। दर्शनार्थी सावन माह में प्रति रविवार रात 2.30 बजे तथा शेष दिन रात तीन बजे मंदिर पहुंचे तथा कतार में लगकर चलायमान व्यवस्था से भस्म आरती के दर्शन करें। इस सुविधा का प्रचार प्रसार करने के लिए समिति मंदिर के आसपास तथा शहर में प्रमुख स्थानों पर सूचना बोर्ड लगाएगी।
मध्य प्रदेश शासन के ” माध्यम ” से होगा सवारी का लाइव प्रसारण
- सावन मास में 22 जुलाई को उज्जैन में भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी।
- इस बार सावन-भादौ मास में भगवान महाकाल की सात सवारी निकाली जाएगी।
- भक्तों को सुविधा से दर्शन हो सके, इसलिए सवारी में एलइडी वाहन शामिल रहेंगे।
- मंदिर समिति ने लाइव प्रसारण के लिए राज्य शासन जनसंपर्क माध्यम को पत्र लिखा।
- महाकाल सवारी मार्ग पर निगरानी के लिए अनेक जगह कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।
- महाकाल की सवारी को देखने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं।
- इस बार भी हजारों भक्तों के महाकाल की सवारी दर्शन करने आने का अनुमान है।